30वां अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव: गुजरात में 45 देशों से आए 150 से ज्यादा पतंगबाज, रूपाणी ने कराई शुरूआत
Gujarat hindi news, अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में 30वां अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव (इंटरनेशनल काईट फेस्टिवल) शुरू हो गया है। पहले दिन 45 देशों के 153 लोगों समेत 545 पतंगबाजों ने अहमदाबाद रिवरफ्रंट के पास पेंच लड़ाए। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार की सुबह स्कूली बच्चों के योगा के साथ शुरूआत कराई। बता दें कि इस उत्सव में देश के 13 राज्यों के 105 और गुजरात के 19 शहरों के लोग पहुंचे हैं।
14 जनवरी तक चलेगा
गुजरात में यह महोत्सव 14 जनवरी तक चलेगा। राज्य सरकार ने न सिर्फ अहमदाबाद में, राज्य के वडौदरा, स्टेच्यु ओफ युनिटी, द्वारका, सुरत, जेतपुर, सोनगढ, पर्यटक स्थल सापुतारा और कच्छ के रण घोरडो में भी महोत्सव आयोजित किया है। 14 जनवरी को जब मकर सक्रान्ति मनाइ जायेगी, तब दुनिया से आये हुए पतंगबाज अहमदाबाद की पोल में पगंत महोत्सव का जश्न मनायेंगे।
अहमदशाह ने उड़ाई थीं पतंग
सूबे में पौराणिक काल से चला आ रहा पगंत महोत्सव अब सिर्फ गुजरातियों का शौक नहीं रहा, राज्य में ये बडा व्यवसाय बन गया है। अहमदाबाद के इतिहास में दर्ज है कि अहमदशाह बादशाह भी अपनी बेगम के साथ पतंग का मजा लेते थे।
रिवरफ्रंट में उत्सव में क्या—क्या?
अहमदाबाद में रिवरफ्रंट के पास ये महोत्सव प्रारंभ हुआ है। महोत्सव के साथ गुजरात प्रवासन निगमने रिवरफ्रंट में राज्य के पर्यटन स्थलो का थीम पेवेलियन बनाया है। साथ ही काइट मेकिंग वर्कशोप, एडवेन्चर एक्टिविटिझ, क्राफ्टबाजार और फुड कोर्ट स्थापित किया है।
चीन के मांझे पर पाबंदी लगा दी
अदालत के आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने चीन के मांझे पर पाबंदी लगा दी है, इसलिए यदि कोई व्यापारी या ग्राहक इन प्रतिबंधित सामानों से साथ पकड़ा जाता है, तो उन्हें दंडित किया जा सकता है। राज्य में जब पतंग उत्सव का आयोजन होता है तो 14 जनवरी को पतंग उत्सव में आये विदेशीओ के साथ फिल्म कलाकारों को भी आमंत्रित किया जाता है।
टेरेस किराये पर देने का सिलसिला
इसबार अहमदाबाद में टेरेस में पतंग उत्सव का मजा लेने के लिये टेरेस किराये पर देने का सिलसिला शूरू हुआ है। अहमदाबाद की प्रसिद्ध पोल (पुराने मकान) में उत्सव का मजा लेना चाहते है तो आपको 5000 से 25000 तक का टेरेस किराया देना पडेगा, जो पीछले सालों में पोल के परिवार अपने मित्र और दूर के रिश्तेदारों को बुलाते थे।
लोगों ने पतंगोत्सव को व्यवसाय बनाया
पोल के कई परिवारों ने समाचार पत्रो में विज्ञापन देकर टेरेस का किराया तय किया था, उनको अब तक 150 से ज्यादा किरायेदार मिले हैं। माना जाता है कि उत्तरायण के लिए अहमदाबाद की पोल एक मज़ेदार जगह है। पोल के लोगों ने पतंग उत्सव को अपना व्यवसाय बना दिया है।
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जब मोदी और सलमान खान मिले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वे अहमदाबाद में फिल्मस्टार्स के साथ मकर सक्रांति मनाते थे। 2014 में सलमान खान अपने करीबी दोस्त के घर पतंग उत्सव के समय आये थे। तब वो नरेन्द्र मोदी को मिले थे। मोदी ने न्योंता दिया कि हमारे साथ पतंग-उत्सव का मजा लीजिए, तब सलमान खान ने कहा था कि- हां, मैं आपके साथ अहमदाबाद की पोल में आउंगा। बाद में सलमान खान और नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद में काइट फ्लाइंग का मजा लिया था।
पतंग का रसप्रद इतिहास
उत्तरायण का अर्थ है उड़ने वाली पतंग के साथ सूर्य पूजा का दिन। पतंग शब्द का प्रयोग सूर्य के लिए ऋग्वेद में किया गया है। यही कारण है कि पतंग का इतिहास प्राचीन और सदियों पुराना है। दुनिया के सबसे प्राचीन ग्रंथ माने जाने वाले ऋग्वेद में पतंग शब्द का इस्तेमाल सूर्य के लिए किया जाता है। कुछ धर्मशास्त्रियों के अनुसार पतंग रामायण और महाभारत काल में भी मिलती थी। प्राचीन ग्रंथों जैसे कि अमरकोट में पतंग का उल्लेख है। दूसरी ओर, सिंधु सभ्यता में पाए गए कुछ सुरम्य जीवाश्मों में पतंग की एक तस्वीर मिली थी।
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भगवान श्रीराम ने भी पतंग उड़ाई थी!
श्री रामचरित मानस में वर्णित एक घटना के अनुसार, भगवान श्रीराम ने भी पतंग उड़ाई थी। रामायण के अनुसार, मकर संक्रमण एकमात्र पवित्र दिन था जब भगवान श्रीराम और हनुमानजी मित्र बन गए थे। आज के जमाने के पैराग्लाइडिंग, पैराशूट, प्लेन या रॉकेट किसी अन्य चीज का अनुसंधान पतंग आधारित है। हालाँकि, माना जाता है कि भारत में 'पतंग' का पहला उल्लेख मोनसन नाम के कवि ने अपनी कविता 'मधुमालती' में किया था। इस कवि ने एक पतंग को एक-दूसरे से प्यार और प्यार का इजहार करने के लिए एक काल्पनिक वाहन के रूप में संदर्भित किया था।