क्या मंदिर की जगह बना है ताजमहल ? ASI से फिर पूछा गया सवाल, जानिए अब क्या मिला जवाब
आगरा, 04 जुलाई: ताजमहल को लेकर बीते दिनों कई दावे किए गए। किसी ने इसके प्राचीन शिव मंदिर होने का दावा किया तो किसी ने इसे जयपुर राजघराने का प्राचीन महल बताया। तहखाने में 22 बंद कमरों को खोलने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका भी डाली गई थी, जिसे कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए खारिज कर दिया था। अब एक बार फिर ताजमहल के प्राचीन मंदिर होने और बंद कमरों में मूर्तियों को लेकर सवाल किया गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने इसका जवाब दिया है।

ASI ने दावों को किया खारिज
एएसआई ने ताजमहल के प्राचीन मंदिर होने और इसके तहखानों में स्थित बंद कमरों में मूर्तियां छुपी होने के दावों को फिर से खारिज कर दिया है। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने इसे लेकर एक आरटीआई आवेदन दिया था। एएसआई ने जवाब देते हुए साफ किया कि ताजमहल में कोई भी बंद कमरा नहीं है और किसी कमरे में हिंदू देवी-देवता की मूर्ति नहीं रखी हुई है।
साकेत गोखले ने ट्वीट कर दी जानकारी
साकेत गोखले ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मुझे बताया कि, ए- जहां ताजमहल है उस स्थान पर कोई मंदिर मौजूद नहीं था। बी- ताजमहल में 'मूर्तियों वाले बंद कमरे' नहीं हैं।'' गोखले ने इसके साथ ही लिखा, ''उम्मीद है कि अदालतें बीजेपी/आरएसएस की सभी शरारती याचिकाओं पर जुर्माना लगाएगी और मीडिया वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा।''

ताजमहल को लेकर किए जाते रहे हैं कई दावे
बता दें, अयोध्या निवासी रजनीश सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में ताजमहल के इतिहास का पता लगाने के लिए एक समिति गठित करने और इस ऐतिहासिक इमारत में बने 22 कमरों को खुलवाने का आदेश देने का आग्रह करते हुए याचिका दायर की थी। इस याचिका में 1951 और 1958 में बने कानूनों को संविधान के प्रावधानों के विरुद्ध घोषित किए जाने की भी मांग की गई थी। इन्हीं कानूनों के तहत ताजमहल, फतेहपुर सीकरी का किला और आगरा के लाल किले आदि इमारतों को ऐतिहासिक इमारत घोषित किया गया था।
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