Agra में भारतीय रीति रिवाज के साथ इटालियन दम्पती ने की शादी, ताजमहल के साये में मनाई 40वीं सालगिरह

भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वाधिक प्राचीन और समृद्ध संस्कृतियों में से एक है। भारत को विश्व की सभी संस्कृतियों की जननी माना जाता है। अब इसमें चाहे जीने की कला हो या तकनीकी क्षेत्र का विकास हो या फिर राजनीति और समाजिक विकास ही क्यों न हो। भारतीय संस्कृति आज भी अपने परंपरागत अस्तित्व के साथ अजर-अमर बनी हुई है। यहाँ का जीवन-दर्शन ऐसा है कि भारत की सीमाओं से बाहर रहने वाले विदेशी लोग भी एक न एक बार यहाँ आने के ख़्वाहिश पाले रहते हैं। कुछ तो आकर ऐसे घुल-मिल जाते हैं जैसे उनका कुछ नाता हो यहाँ से। ऐसा ही एक दृश्य देखने को मिला उत्तर प्रदेश के आगरा में जहां एक इटेलियन दंपति माऊरों व स्टैंफानिया ने अपने विवाह की 40वीं वर्षगांठ भारतीय परंपरा के अनुसार ताजमहल के समीप मनाई।

इटेलियन दंपति का विवाह संस्कार संपन्न
भारत में जहां हम अपनी सनातन संस्कृति एवं संस्कारों को भूलते जा रहे हैं वहीं विदेशियों मैं भारतीय परंपराओं व संस्कारों के प्रति रुचि बढ़ रही है। प्रेम के प्रतीक ताजमहल के पास सुलहकुल की नगरी आगरा में एक इटेलियन दंपति श्री माऊरों व श्रीमती स्टैंफानिया ने अपने विवाह की 40वीं वर्षगांठ भारतीय परंपरा से मनाने की इच्छा लेकर भारत आए। उन्होंने अपनी यह इच्छा अपने टूर ऑपरेटर एमटीए ग्रुप को बताई। भारतीय संस्कृति से उनके लगाव एवं उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए टूर ऑपरेटर ने उनके विवाह संस्कार को भारतीय परंपरा से संपन्न कराने हेतु एमटीए ग्रुप के मनीष शर्मा ने विवाह की 40वीं सालगिरह ताजमहल के समीप मनाने की सारी व्यवस्था की। वहीं इटेलियन दंपति का विवाह संस्कार पंडित प्रवीन दत्त शर्मा ने संपन्न कराया। कार्यक्रम का आयोजन पंडित ब्रह्मदत्त शर्मा ट्रेवल्स कंपनी वागीडी द्वारा किया गया। इस अवसर पर मनीष दत्त शर्मा, प्रवीन शर्मा, पंडित ब्रह्मदत्त शर्मा, पदम चंद जैन, विशाल जैन, अरविंद अग्रवाल, सुनील दत्त आदि उपस्थित रहे। इटेलियन दंपति इस आयोजन से बहुत खुश दिखे और सभी का धन्यवाद किया।
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विल स्मिथ जैसे कलाकार भी हैं प्रभावित
ऐसे बहुत से विदेशी हैं जिन्होंने भारतीय संस्कृति को इस कदर अपना लिया है कि अब वो भारतीय परंपराओं को ही सर्वोपरि मानते हैं, जैसे हॉलीवुड के सुपरस्टार माने जाने वाले विल स्मिथ भारत आए थे। उन्होंने हरिद्वार जाकर पूजा-पाठ भी किया। उनका कहना है कि भारत आना उनके लिए बेहद सुखद अनुभव होता है। अपनी तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने एक कैप्शन भी दिया, जिसमें उन्होंने लिखा, "मेरी दादी कहती थीं कि भगवान अनुभव के माध्यम से सिखाते हैं।" वो कहते हैं कि भारत की यात्रा और रंगों से उन्हें अपनी कला और दुनिया की सच्चाई को जानने के लिए एक नई समझ मिलती है।
ऐसी ही भावनाएँ हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट की भी हैं, जो हिन्दू धर्म से इतना प्रभावित थीं कि उन्होंने हिन्दू धर्म ही अपना लिया। ऑस्कर पुरस्कार विजेता जूलिया ने कहा था कि अब वह अपने कैमरामैन पति डेनियल मोडर और तीन बच्चों हैजल, फिनायस और हेनरी के साथ भजन-कीर्तन तथा प्रार्थना करने के लिए मंदिरों में जाती हैं। भारत की आध्यात्मिक शक्ति ने जूलिया को भारत का दीवाना बना दिया। लिस्ट यहीं ख़त्म नहीं होती, जापान की मयूमी, बीटल संगीतकार जॉर्ज हैरिसन जैसे बहुत से विदेशी हैं जिनको भारतीय संस्कृति से एक अलग ही लगाव है।

भारतीय होना गर्व की बात
भारतीय होना अपने-आप में बड़े गर्व की बात है। यहाँ हर तरह की कला-संस्कृति को फलने-फूलने का एक समान अवसर मिलता है। यह गर्व की बात और बड़ी हो जाती है जब कोई विदेशी नागरिक भारत के संदर्भ में अपने उच्च विचार साझा करता है। ऐसे बहुत से विदेशी नागरिक हैं, जो भारतीय परंपराओं को सर्वोपरि मानते हैं और उसे आत्मसात करने का पूरा प्रयास करते हैं। हमारे देश की सभ्यता का गुणगान जब दूसरे देश के लोग करते हैं तो शायद ही ऐसा कोई भारतीय होगा जिसका सिर गर्व से ऊँचा नहीं उठेगा।
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