'लाल सरकार' के बाद ममता के राज्य में बदलेगा लाल बत्ती का रंग
कोलकाता। मंत्रियों और विधायकों की गाड़ियों पर लालबत्ती और सायरन बजते तो आपने कई बार देखा होगा, लेकिन अब पश्चिम बंगाल में नेताओं की गाड़ियों से लाल बत्ती गायब होने वाली है। उनकी गाड़ियों पर अब लाल बत्ती के बजाए नीली और हरी बत्तियां नजर आएगी।
दरअसल लाल बत्ती के बेजा होते इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को दिशानिर्देश जारी किए थे। 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के लाल बत्ती के अनियंत्रित उपयोग पर रोक लगाने से संबंधित निर्देश से एक कदम आगे निकलते हुए पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में लाल बत्तियों का रंग ही बदलने की योजना बना डाली है।
नई योजना के तहत पश्चिम बंगाल में अब लाल बत्ती की जगह नीली या हरी या कई रंगों वाली बत्ती का इस्तेमाल किया जाएगा। पश्चिम बंगाल ने नेताओं की गाड़ियों पर अब हरी और नीली रंग की बत्ती लगेगी। राज्य परिवहन मंत्री मदन मित्रा ने कहा कि लाल बत्तियों के दुरुपयोग की फौरन जांच किए जाने की जरूरत है। इसलिए सरकार लाल बत्ती का रंग बदलकर हरा या नीला बल्कि विविध रंगों का किए जाने की प्रस्तावना पर काम कर रही है।
मित्रा ने हालांकि अचानक लिए गए इस फैसले का कोई उपयुक्त कारण नहीं बताया। उन्होंने कहा कि लाल सरकार (वामदल की सरकार) की विदाई के साथ ही हम लाल बत्ती को भी विदा कर देना चाहते हैं। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास उनकी अनुमति के लिए भेज दिया गया है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की वामदलों से चिढ़ जगजाहिर है। वास्तव में लाल रंग वामदलों का प्रतीक रंग है। गौरतलब है कि वाम दल के प्रतीक रंग होने के कारण रेल मंत्री रहने के दौरान बनर्जी ने लाल ईंट से बनी रेल मंत्रालय की इमारत को गुलाबी, हरे, नीले एवं सफेद रंग से पुतवा दिया था।