ब्लैक फ्राइडे की 20वीं बरसी: आज भी जिंदा है लाशों को बिछाने वाला
मुंबई। तारीख- 12 मार्च 1993, दिन- शुक्रवार, जगह- देश की आर्थिक राजधानी मुंबई। जी हां ये वो तारीख है जिसे भारत के इतिहास में ब्लैक फ्राइडे के नाम से जाना जाता है। इसी दिन मुंबई एक के बाद एक 12 सिलसिलेवार बम धमाकों से दहल उठी थी। उस मनहूस दोपहर को हर उस ठिकाने को निशाना बनाया गया जो मुंबई की शान थी और पहचान थी। आज उस धमाके की 20वीं बरसी है। पूरी दुनिया के इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर सीरियल बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे जबकि 713 लोग जख्मी हुए थे। बीस साल बाद भी हादसों के जख्म ताजा है और इस हमले का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम सरहद पार आतंकी आकाओं के महफूज किले में जाकर बंद हो गया।
धमाकों
के
20
साल
बाद
मायानगरी
मुंबई
में
काफी
कुछ
बदला।
इन
20
सालों
में
मुंबई
ने
विकास
की
चादर
पूरी
तरह
ओढ़
ली
और
धमाकों
के
चोट
के
निशान
मिटा
दिये।
जो
नहीं
बदला
और
नहीं
मिटा
वो
है
अपनो
को
खोने
के
दर्द
का
एहसास।
सबसे
बड़ी
कशक
कि
कब
मिलेगा
उन
257
लोगों
के
हत्यारे
को
सजा
और
कब
पूरा
होगा
इंसाफ?
तो
आईए
ब्लैक
फ्राइडे
की
20वीं
बसरी
पर
उस
पूरे
घटना
कम्र
पर
विस्तार
से
चर्चा
करते
हैं।
चर्चा
से
पहले
वनंडिया
इस
धमाके
में
मारे
गये
बेगुनाहों
को
भावभीनी
श्रद्धाजंली
अर्पित
करता
है।
सरहद पार पाकिस्तान में रची गई थी धमाके की साजिश
6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद फैले दंगों में सोने की तस्करी करने वाले टाइगर मेमन का बिजनेस तबाह हो गया था। मेमन ने अपनी बर्बादी का बदला लेने के लिए मुंबई को दहलाने की साजिश रची। मुंबई बम धमाकों के अंजाम देने के लिए दुबई में एक खुफिया मीटिंग हुई। मीटिंग के बाद कुछ नौजवानों को बम बनाने की ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान भेजा गया। इसके बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने आतंकियों को मुंबई में हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराया और फिर आया वो ब्लैक फ्राइडे जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया।
पाकिस्तान में आतंकी आकाओं के महफूज किले में बंद हो गया दाऊद
सिलसिलेवार बम धमाकों के बीस साल गुजर गये हैं मगर इसका असली गुनहगार दाऊद इब्राहिम आज भी आजाद धूम रहा है। दाऊद ने पाकिस्तान के कराची को अपना ठिकाना बना लिया है। दाऊद पाकिस्तान में शानों शौकत की जिंदगी जीता है, वो आंतकी अलकायदा से लेकर तालिबान तक आतंकवादियों को फायनेंस करता है क्योंकि मुंबई अंडरवर्ल्ड का ये डॉन आज पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का गुलाम बन गया है। कराची में बैठा दाउद नशीले पदार्थ, जाली करेंसी, आर्मस स्मगलिंग और इस तरह के तमाम आर्गेनाइज्ड क्राइम का कारोबार आज भी कर रहा है। मोस्ट वान्टेंड दाऊद के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कार्नर नोटिस जारी कर रखा है। फोर्ब्स मैग्जीन ने 2011 में उसे दुनिया के दस मोस्ट वान्टेड की लिस्ट में चौथे नंबर पर रखा है लेकिन दाऊद आज भी पकडा नहीं जा सका है। इसके अलावा भारत सरकार ने टाइगर मेमन के खिलाफ भी कई बार पाकिस्तान को सबूत सौंपे लेकिन पड़ोसी मुल्क हर बार उन्हें भारत को सौंपने से आनाकानी करता रहा। (पढ़ें: 'मिर्ची' से डरने लगा है दाउद इब्राहिम)
12 साल चला मामला, 100 लोग दोषी, 12 को मिली फांसी
पुलिस ने 4 नवंबर 1993 को विशेष टाडा कोर्ट में मामले की चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में कुल 123 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए। 30 जून 1995 को मामले की सुनवाई शुरू हुई। करीब 12 साल बाद 18 मई 2007 को इस मामले की सुनवाई खत्म हुई। टाडा कोर्ट ने 100 आरोपियों को इस मामले में दोषी ठहराया। इनमें से 12 दोषियों को फांसी की सजा, 20 को उम्रकैद और 67 को 3 से 14 साल तक की सजा सुनाई गई।
कुछ हादसे ऐसे होते हैं जो दिलो दिमाग पर हमेशा हावी रहते हैं। 1993 के मुंबई धमाके की दहशत और दर्द की अंतहीन कहानियां आज तक सीना बेधती रहती है लेकिन हादसों से सबक लेकर आगे बढ़ना ही जिंदगी की चुनौती है। खैर खुली हवा में सांस ले रहे भारत के इन गुनाहगारों को कब सजा मिलेगी और उन मौतों को इंसाफ मिलेगा ये तो लंबी बहस और कानूनी प्रक्रिया का विषय है मगर मुंबई आज उन जख्मों से उभर कर निरंतर कामयाबियों के नये कीर्तिमान स्थापति कर रहा है।