चीन के दस्तावेजों में दक्षिण तिब्बत है अरुणाचल प्रदेश
मजेदार बात यह है कि अंतर्राष्ट्रीय मामलों के मंत्रालय को भी इसकी खबर कल लगी, जब यह सूचना राज्यसभा में दी गई।
अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत और चीन में वर्षों से विवाद चला आ रहा है। चीन और भारत के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा को चीन मानने को तैयार नहीं है। अरुणाचल प्रदेश के करीब 90 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को चीन अपनी संपत्ति बताता है, जबकि सदियों से यह राज्य भारत की सीमा में ही है।
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राज्य सभा को दी गई जानकारी में विदेश राज्य मंत्री ई अहमद ने लिखित रूप से दिया है कि चीन ने अपने कई दस्तावेजों में अरुणाचल को दक्षिणी तिब्बत बताया है। मंत्री ने बताया कि इस संबंध में भारत ने चीन को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत से कभी न अलग होने वाला राज्य है।
खबर है कि 2 सितंबर को मुंबई में चीन के रक्षा मंत्री के साथ होने वाली वार्ता में भी यह बात रखी जायेगी। हालांकि रक्षा मंत्री के साथ होने वाली वार्ता में दोनों देशों में सैन्य शक्ति को मजबूत किये जाने पर चर्चा होगी। दोनों देशों के बीच द्वीपक्षीय वार्ता 2007 में शुरू हुई थी, जिसे बाद में लंबित क दिया गया था।
गौरतलब है कि फरवरी में भी चीन ने जब अरुणाचल प्रदेश पर अपनी दावेदारी ठोकी थी तब रक्षा मंत्री एके एंटनी ने उसे करारा जवाब दिया था और अपनी हदों में रहने को कहा था। इससे पहले दिसंबर 2011 में चीन ने पहले भी अरुणाचल पर दावा ठोका था। अब देखना यह है कि इस बार भारत क्या ऐक्शन लेता है।