क्या वाकई में लद गये माया-मुलायम के दिन?
अजित ने मंगलवार को कहा कि मायावती व मुलायम के शासन का अनुभव ले चुकी जनता को यह एहसास हो चुका है कि इन सरकारों में उसका भला नहीं होने वाला है। प्रदेश के लोग उनके कुशासन से त्रस्त आ चुके हैं। मायावती पैसा खाने में जुटी रहीं और उनके तहखाने में लूट का करोड़ों रुपया जमा है वहीं दूसरी ओर मुलायम सिंह के कार्यकाल में हुई गुंडागर्दी को लोग अभी तक भुला नहीं पाये हैं। महिलाओं पर हुए अत्याचार से महिलायें आज भी आतंकित हैं।
रालोद ने आरोप लगाया कि मायावती की नीति के चलते प्रदेश विकास में सबसे नीचे पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लहर और बयार उत्तर प्रदेश में चल रही है। नयी पीढ़ी का युवा रोजगार चाहता है। सड़क, बिजली, पानी की की समस्या को कांग्रेस-रालोद गठबन्धन दूर करेगी। रालोद अध्यक्ष ने कहा मायावती के कार्यकाल में किसानों पर भारी जुल्म हुआ। अलीगढ़ जिले के गांव टप्पल में किसानों ने भूमि अधिग्रहण का विरोध किया तो उन पर गोलियां बरसाई गयीं जिससे किसानों की जाने गयीं।
उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों से प्रशासन ने जबरन कागजी खानापूर्ति कराई। किसानों की जमीन छीनने के बाद कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने किसानों का दर्द जाना और उनके लिये पदयात्रा की। इस पदयात्रा के बाद केन्द्र सरकार तथा उच्चतम न्यायालय हरकत में आई। उन्होंने कहा कि किसानों को मौत के मुंह में ढकेलने के बाद बसपा ने विकास का सारा पैसा पार्कों व पत्थरों पर बर्बाद किया। उन्होंने कहा कि जनता एक-एक पैसे का हिसाब लेगी। जाति व धर्म की राजनीति करने वालों को जनता सबक सिखायेगी।
अगर अजित सिंह की बात में दम है और जनता इस बात को समझती है, तो इसमें कोई शक नहीं है कि माया या मुलायम की सरकार इस बार नहीं आयेगी। इन दावों से यह भी साफ है कि कांग्रेस और रालोद मिलकर ही सरकार बनायेंगी, लेकिन हम अजित सिंह से यह पूछना चाहते हैं कि अगर सरकार बनी तो क्या गारंटी है कि यहां भी केंद्र की तरह भ्रष्टाचार नहीं होगा?