समुद्री लुटेरों से छूटे बंधक भारत लौटे, पाकिस्तान का शुक्रिया
सोमालियाई लुटेरों ने 10 महीने पहले एमवी स्वेज जहाज को अपने कब्जे में ले लिया था। इस पर 6 भारतीयों सहित कुल 22 लोग मौजूद थे। जहाज पर 4 पाकिस्तानी भी शामिल थे। इनको छुड़ाने के लिए पाकिस्तान के एक गैर सरकारी संस्थान ने चंदा इकट्ठा कर बंधंकों को मुक्त कराया था। मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने इसमें अहम भूमिका निभाई थी।
पाकिस्तान ने इन भारीतय बंधंकों को छुड़ाकर कराची स्थित भारतीया उच्चायोग को सौंप दिया था। आज ये बंधक कराची से हवाई जहाज से दिल्ली स्थित एयरपोर्ट आईजीआई पहुंचे। बंधंकों के स्वागत के लिए उनके परिवार वाले पहले से ही वहां मौजूद थे। सोमालियाई लुटेरों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों में शिमला के अमर चौहान, अंबाला के सतनाम सिंह, रोहतक के रवींद्र गुलिया, जम्मू के एनके सिंह, मुंबई के सचिन और कन्याकुमारी के बिजू शामिल थे।
फिलहाल भारतीयों को छुड़ाने में वहां की आवाम का बहुत बड़ा योगदान है। इन बंधंको के भारत पहुंचने के साथ ही पाकिस्तान की आवाम का एक संदेश भी भारत पहुंचा है कि दोनों देशों के लोग आपस में भाईचारा चाहते हैं। दोनों देशों की राजनीति ने ही आपसी रिश्तों में दूरियां बनाई हुई हैं।