रसायन शास्त्र वर्ष के रूप में मनाया जाएगा 2011
बेंगलुरू। रसायन शास्त्र की उपलब्धियों और मानवता की भलाई में इसके योगदान को याद करने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और छात्रों ने शनिवार को वर्ष 2011 को अंतर्राष्ट्रीय रसायन शास्त्र वर्ष के रूप में मनाने की शुरुआत की।
प्रमुख वैज्ञानिक सी. एन. आर. राव ने भारतीय विज्ञान संस्थान में आयोजन का उद्धाटन करते हुए कहा, " वर्ष 2008 में संयुक्त राष्ट्र की 63वीं आमसभा में लिए गए संकल्प के मुताबिक वर्ष 2011 को अंतर्राष्ट्रीय रसायन शास्त्र वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। वर्ष भर तक चलने वाले इस समारोह का आयोजन यूनेस्को और 'इंटरनेशनल युनियन ऑफ प्योर एंड एप्लायड केमिस्ट्री' (आईयूपीएसी) के साथ किया जा रहा है।
संयोगवश 2011 मैरी क्यूरी को रेडियोधर्मिता की खोज के लिए रसायनशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिलने का शताब्दी वर्ष भी है। राव, जो प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने कहा, "दुनिया में सभी वस्तुएं रासायनिक तत्व या यौगिक पर आधारित हैं और रासायनिक प्रकृति के बारे में हमारी समझ वस्तुओं के ज्ञान पर आधारित है। जबकि जीवन की सभी प्रक्रियाएं रासायनिक प्रतिक्रियाओं से संचालित होती हैं।
राव ने शहर के विभिन्न स्कूल कॉलेजों के 500 छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रसायन शास्त्र के लाभ को ठीक तरह से बताया नहीं गया है, इसलिए यह विषय भौतिक शास्त्र या जीव विज्ञान की तरह लोकप्रिय नहीं है। राव ने कहा कि भोजन, पानी, ऊर्जा, स्वास्थ्य और परिवहन क्षेत्रों से जुड़े होने के बावजूद रसायन शास्त्र इसलिए लोकप्रिय नहीं है, क्योंकि इसमें योग्य शिक्षकों की कमी है।
रसायन शास्त्र को लोकप्रिय बनाने के लिए संस्थान ने एक पुस्तक 'केमिस्ट्री टुडे' का प्रकाशन किया है। इस पुस्तक के लेखक राव हैं। पुस्तक को स्कूलों, महाविद्यालयों और शिक्षकों के बीच मुफ्त में वितरित किया जाएगा। चेन्नई रिसर्च सोसाइटी ऑफ इंडिया (सीआरएसआई) इस वर्ष को रसायन शास्त्र वर्ष के रूप में मनाने के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। सीआरएसआई के अध्यक्ष वी. कृष्णन ने कहा कि इस दौरान वे समस्त युवा वर्ग तक पहुंचने की कोशिश करेंगे।
संस्थान आयोजन के अंतर्गत मई में पुणे में, जून में पुडुचेरी, जुलाई में सिलीगुड़ी और सितम्बर में जम्मू में कार्यशाला का आयोजन करेगा। कृष्णन ने बताया कि दो दिवसीय कार्यशाला स्थानीय रसायन शास्त्र शिक्षकों की मदद से रसायन शास्त्र शिक्षण पर केंद्रित रहेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।