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कैदी भाइयों को राखी बांधने जेल पहुंची बहनें

By Staff
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बहन और भाई के बीच प्यार का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन पर भाई बहन एक दूसरे को मिलने के आतुर रहते हैं। बहनें जहां भाइयों की कलाई पर राखी बांध उनकी लम्बी उम्र की कामना करते हुए तिलक लगाती हैं और मिष्ठान खिलाती हैं। वहीं भाई भी नेग व स्नेह स्वरूप अपहार देकर बहनों की रक्षा एवं सम्मान का वचन दोहराते हैं।

रक्षा बंधन पर घरों के साथ-साथ मेलो में भी भारी भीड़ रही। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ के जेलों में बहने भाइयो को राखी बांधने के लिए घंटो लाइन में लगकर इंतजार करती रहीं। इन बहनों के भाई किसी न किसी मामलें मे जेल में बंद हैं।

मुजफ्फरनगर में पिछले तीन दिनो से बहनें भीड़ से बचने के लिए राखी बांधने आ रही हैं। शामली कोतवाली क्षेत्र के गांव खेड़ीकरमू की गीता जेल में बंद अपने भाई प्रताप से मिलने आई। प्रताप पर कई हत्याओं का आरोप है। मुलाकात होते ही वह भावुक हो गई। उसने अपने भाई को गले लगाया तथा राखी बांधकर मुंह मीठा कराया। प्रताप ने यथासंभव नेग भी दिया।

पीपलशाह की सरिता भी अपने भाई अनिल को राखी बांधने पहुंची। उसका भाई हत्या के एक मामले में जेल मे बंद है। वह भाई अनिल से मिलकर रोई और भाई की कलाई पर राखी बांधी। इस भावुक माहौल में जेल में मिलने आ रही हर भाई-बहन के बीच जबरदस्त प्यार देखने को मिला।

जेल अधीक्षक देवेन्द्र कुमार का कहना है कि ऐसे मौके पर जेल प्रशासन बहनों को भाइयों से मिलने की छूट देता है। इस माहौल पर समाज शास्त्री डा. गीतांजलि का कहना है कि भारतीय परम्परा में रक्षा बंधन का त्यौहार बहन व भाई की महत्ता को सिद्ध करता है। भले ही वह किसी भी माहौल मे रह रहे हों।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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