राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों में समन्वय की जरूरत : रंगराजन
पत्रकारों से बातचीत के दौरान रंगराजन ने कहा, "मेरा मानना है कि मौद्रिक नीतियों की अपनी अलग भूमिका है। मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों में कुछ समन्वय होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "उच्च मुद्रास्फीति की स्थिति में मौद्रिक नीतियों की भूमिका अहम होती है। मेरा मानना है कि मौद्रिक नीतियों और राजकोषीय नीतियों के बीच संघर्ष को बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत किया गया है। इन दोनों नीतियों में समन्वय होना चाहिए।"
वित्तीय तंत्र के लिए एक महानियामक के विचार का विरोध करते हुए उन्होंने बहु नियामकों की मौजूदा व्यवस्था का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा, "महानियामक की आवश्यकता का कोई प्रश्न ही नहीं है। हमारे पास एक बहु नियामकों का तंत्र मौजूद है। यहां सभी क्षेत्रों के वित्तीय तंत्र के नियमन के लिए कोई एक नियामक नहीं है। इसी तरीके से हमारे देश के वित्तीय तंत्र का विकास हुआ है।"
रंगराजन ने उम्मीद जताई कि अच्छे मानसून के चलते देश में खाद्यान्नों की उपलब्धता बढ़ेगी और खाद्य पदार्थो की कीमतों में कमी आएगी।
उन्होंने कहा, "हमारा अनुमान है कि अच्छे मानसून के चलते देश में इस साल कृषि की विकास दर चार से पांच फीसदी के बीच रहेगी। इसका खाद्यान्नों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा और महंगाई के दबाव में कमी आएगी।"
उन्होंने कहा कि वह इस बात से सहमत नहीं है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सख्ती की है। "केंद्रीय बैंक ने वही किया है जो उचित था। हम महंगाई के ऐसे स्तर पर हैं जो असहज रूप से ऊंचा है, इसका समाधान जरूरी है। रिजर्व बैंक ने कोई बड़ा कदम उठाने के बजाय धीरे-धीरे छोटे कदम उठाए हैं।"
उन्होंने कहा कि आरबीआई अगले माह के अंत तक ब्याज दरों पर फैसला ले सकता है। "यह इस बात पर निर्भर रहेगा कि अगले चार हफ्तों में महंगाई दर क्या रुख दिखाती है।"
रंगराजन ने कहा कि अमेरिका में अर्थव्यवस्था में सुधार की गति धीमी है लेकिन दोबारा गिरावट की आशंका नहीं है। उन्होंने कहा, "सुधार की स्थिति में मजबूती नहीं है। यहां तक कि दूसरी तिमाही के आंकड़ों में भी विकास की दर काफी धीमी है। इस अमेरिकी अर्थव्यवस्था की विकास दर 2.5 से 3 प्रतिशत रहने के आसार हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।