नक्सलियों के खिलाफ लालगढ़ में अभियान तेज
लालगढ़ (पश्चिम बंगाल), 17 जून (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में नक्सलियों के गढ़ समझे जाने वाले लालगढ़ में पुलिस का अभियान तेज हो गया है। पिछले दिनों रांझा के जंगलों के पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग निकले थे। इस दौरान आठ नक्सली मारे भी गए थे।
राज्य के पुलिस महानिदेशक भूपिंदर सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "नक्सलियों द्वारा रांझा के जंगलों से भागने के बाद हमें जहां-जहां उनके छुपे होने की खबर मिल रही है, वहां हमारा तलाशी अभियान जारी है।"
पुलिस को बुधवार को उस समय खासी सफलता मिली जब सुरक्षा बलों ने दुली गांव में नक्सलियों पर धावा बोल दिया और छह घंटे तक चली मुठभेड़ में आठ को मार गिराया। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद भी बरामद किए।
पुलिस उपाधीक्षक अनीष सरकार ने आईएएनएस को बताया, "हमें ऐसी सूचना मिल रही है और भी बहुत से नक्सली मारे गए हैं। बगैर जांच किए हम आपको मारे गए नक्सलियों का आंकड़ा नहीं दे सकते।"
नक्सलियों ने इस बीच स्वीकार किया है कि मारे गए लोगों में पांच पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के सदस्य हैं।
इस बीच जानकारी मिली है कि दुली गांव के मुख्य द्वार पर पुलिस संत्रास विरोधी जनसाधारण कमिटी (पीसीएपीए) ने एक बैनर टांग रखा है जिसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को 'गुंडा' बताया गया है कि हत्याओं के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
मिली जानकारी के आधार पर कि जंगलों में 40 से 45 नक्सली छिपे हैं, सरकार के नेतृत्व में सुरक्षा बलों ने छापेमारी भी की।
एके 47 राइफलों की बरामदगी की वजह से पुलिस को संदेह है कि इलाके में कोई बड़ा नक्सली नेता मौजूद है। क्योंकि नक्सलियों में बड़े नेताओं के पास ही ए. के. 47 राइफल है।
पश्चिमी मिदनापुर के अलावा पश्चिम बंगाल का पुरूलिया और बांकुड़ा जिला भी नक्सलवाद प्रभावित है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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