नक्सलियों ने रेल पटरी उड़ाई, 65 की मौत (राउंडअप)
झारग्राम (पश्चिम बंगाल)/नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के नक्सल प्रभावित पश्चिमी मिदनापुर जिले में गुरुवार देर रात हावड़ा-कुर्ला ज्ञानेश्वरी सुपर डीलक्स एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के बाद मालगाड़ी से हुई टक्कर में 65 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 200 घायल हो गए। यह हादसा पटरी के एक हिस्से को उड़ाए जाने के कारण हुआ।
पश्चिम बंगाल के गृह सचिव समर घोष ने कोलकाता में कहा, "65 शव बरामद किए जा चुके हैं। अभी और भी शव बरामद किए जा सकते हैं। 200 से अधिक यात्री घायल भी हुए हैं।"
घोष ने कहा कि रेल पटरी का 1.50 फुट हिस्सा गायब था, जिसके कारण रेलगाड़ी पटरी से उतर गई। हादसा लगभग रात 1.30 बजे हुआ।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रेल मंत्री ममता बनर्जी ने हादसे को दुखद बताते हुए मारे गए लोगों के निकट संबंधियों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की घोषणा की है। जबकि बनर्जी ने मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये घायलों के लिए एक-एक लाख रुपये के मुआवजे के अलावा मृतकों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया है।
हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजनों के लिए रेलवे ने हेल्प लाइन नंबर स्थापित किए हैं। परिजन हावड़ा में 033-26382217, खड़गपुर में 032-22255751, 032-22255735 और 10722 (टॉल फ्री) पर अपने सगे संबंधियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक भूपिंदर सिंह ने कहा कि रेल इसलिए पटरी से उतर गई, क्योंकि झारग्राम के पास पटरी का एक हिस्सा और फिश प्लेट गायब था। उन्होंने कहा कि पुलिस को घटना स्थल से दो पोस्टर मिले हैं, जिनमें पीसीपीए ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है। पीसीपीए को नक्सलियों का ही अंग माना जाता है।
सिंह ने कहा, "रेलगाड़ी के चालक ने बताया कि इस घटना से ठीक पहले उसने विस्पफोट की आवाज सुनी। इसके कुछ पल बाद ही रेलगाड़ी पटरी से नीचे उतर गई। इसकी टक्कर दूसरी ओर से आ रही एक मालगाड़ी से हो गई।"
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इंजन और 13 डिब्बे पटरी से नीचे उतर गए। घटना के वक्त ज्यादातर मुसाफिर सो रहे थे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "हमने रेलगाड़ी के पटरी से नीचे उतरने के समय तेज आवाज सुनीं। "
हादसे को लेकर ट्रेन में सवार बच्चे जहां सदमे में देखे गए, वहीं वयस्क जीवित बचे यात्री अपने लापता संबंधियों के लिए बिलखते रहे।
एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने कहा, "वे सभी मर गए हैं।" यह व्यक्ति दुर्घटना के कुछ ही घंटे पहले अपने परिवार के साथ ट्रेन में सवार हुआ था। पास के सारडिहा स्टेशन के प्लेटफार्म पर बैठी एक कम उम्र की मां ने बिलखते हुए कहा, "मेरे बच्चे का इंतकाल हो गया।"
ज्ञात हो कि गरीब और भूमिहीन जनजातियों के हक की लड़ाई लड़ने का दावा करने वाले नक्सलियों द्वारा इस वर्ष फरवरी महीने से अब तक किया गया यह 9वां बड़ा हमला था तथा ट्रेन पर तीसरा हमला था।
इस बीच वायु सेना ने व्यापक स्तर पर राहत एवं बचाव का कार्य आरंभ कर दिया है। वायु सेना के दो हेलीकाप्टरों को बचाव कार्यो में लगाया गया है। चिकित्सकों का एक दल भी मौके पर पहुंच गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की पांच टीमों को मौके पर भेजा है।
वायु सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर महेश उपासनी ने आईएएनएस को बताया कि बचाव कार्य में एक चेतक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर को मौके पर भेजा गया है।
इधर, हादसे के कारणों को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के बयानों में विरोधाभास देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने इसे नक्सली हमला करार दिया है, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने इसके पीछे तोड़फोड़ की कार्रवाई की आशंका जताई है। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने तमाम कयासों को खारिज करते हुए कहा कि यह घटना बम विस्फोट के कारण हुई है।
ममता ने कहा, "इस तरह की घटनाओं की वजह से हम रेलवे को बंद नहीं कर सकते। रेलवे के साथ कुछ भी होने से देश के लोग प्रभावित होते हैं। अब हम गश्त बढ़ाएंगे।" उन्होंने कहा कि यह घटना बम विस्फोट की वजह से हुई।
नई दिल्ली में चिदंबरम ने एक बयान जारी कर हादसे के पीछे संभावित तोड़फोड़ की घटना को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि विस्फोटकों के इस्तेमाल के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है।
चिदंबरम ने कहा, "यह तोड़फोड़ की घटना मालूम पड़ती है, वहां रेल पटरियों का एक हिस्सा हटा दिया गया था।"
लेकिन यहीं पर केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इसके बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
कोलकाता में मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने कहा कि रेल हादसे के पीछे नक्सलियों का हाथ होने का पता चला है। भट्टाचार्य ने इसे 'जघन्य हमला' करार दिया। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार के चार मंत्री मौके पर पहुंच चुके हैं। बचाव कार्य चल रहा है।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अब देश में इस मुद्दे पर बहस चलाए जाने का समय आ गया है कि यह केंद्र या राज्य का विषय है या फिर कानून-व्यवस्था की समस्या है।
चीन दौरे पर गईं राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने इस घटना पर शोक जताया है। राष्ट्रपति के एक प्रवक्ता ने बीजिंग में कहा कि पाटील इस घटना से दुखी हैं और उन्होंने मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है।
इस बीच हादसे के कारण उड़ीसा जाने वाली एक रेलगाड़ी को रद्द कर दिया गया है, जबकि भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी सहित कई अन्य रेलगाड़ियों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है।
भुवनेश्वर में रेल अधिकारी निराकार दास ने आईएएनएस को बताया कि हावड़ा से आने वाली हावड़ा-टिटलागढ़ इस्पात एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है।
साथ ही भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर-नई दिल्ली-भुवनेश्वर नीलांचल एक्सप्रेस को परिवर्तित मार्ग पर चलाया जा रहा है। नीलांचल एक्सप्रेस और राजधानी को आद्रा (पश्चिम बंगाल) और गोमो (झारखंड) के रास्ते उड़ीसा लाया जा रहा है।
नई दिल्ली में रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक हादसे के चलते तीन रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया है और 18 के रास्ते बदल दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए 14 हेल्प लाइनें बनाई गई हैं।
एक अधिकारी ने बताया,"हावड़ा से चलने वाली सभी रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया है। इनमें आने और जाने वाली सभी ट्रेनें शामिल हैं।"
अधिकारी ने बताया कि भुवनेश्वर और हावड़ा के बीच चलने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस, हावड़ा-तितलागढ़-हावड़ा एक्सप्रेस, और टाटा-हावड़ा-टाटा एक्सप्रेस भी रद्द कर दी गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 18 रेलगाड़ियों के मार्ग बदल दिए गए हैं। इनमें चंदील, पुरुलिया, आद्रा, खड़गपुर, चक्रधरपुर और संभलपुर वाया होकर जाने वाली रेलगाड़ियां शामिल हैं।
यह दुर्घटना ऐसे समय में घटी है, जब रेलवे ने पांच राज्यों-छत्तीसगढ़, बिहार, उड़ीसा, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल- में नक्सलियों द्वारा गुरुवार मध्य रात्रि से घोषित 'काला सप्ताह' के मद्देनजर रेड अलर्ट घोषित कर रखा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।