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सर्वोच्च न्यायालय में मिलों के निजीकरण पर याचिक स्वीकार
प्रदेश की ये 11 चीनी मिलें सरकारी क्षेत्र की कंपनी राज्य चीनी निगम लिमिटेड के अंतर्गत चल रही थीं, लेकिन राज्य सरकार ने इन्हें निजी हाथों में सौंपने का आदेश जारी किया था।
उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश जी. एस. सिंघवी और न्यायाधीश सी. के. प्रसाद की अवकाशकालीन पीठ ने निजीकरण के लिए तीन जून को बोली खोलने पर रोक लगाने से इंकार करते हुए कहा कि इस मामले के अंतिम निर्णय में चीनी मिलों को बेचने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों पर विचार किया जाएगा।
पत्रकार राजीव कुमार मिश्रा द्वारा दायर की गई इस याचिका में उत्तर प्रदेश चीनी उपक्रम (अधिग्रहण)(संशोधन) अधिनियम 2009 की धारा 3-ए और 3-बी को चुनौती दी गई है। ये धाराएं सरकार और कंपनियों को मिलों में विनिवेश की मंजूरी देती हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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