ज्वालामुखी की राख के कारण हवाई यातायात ठप (लीड-1)
समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक ब्रिटेन, नार्वे और स्वीडन में हवाई यातायात सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
विस्फोट आइसलैंड की राजधानी रेकजेविक से 120 किलोमीटर पूर्व में इजाफालाजोएकुल ग्लेशियर (हिमखंड) के पास एक ज्वालामुखी में हुआ।
गुरुवार को नार्वे की राजधानी ओस्लो के मुख्य हवाई अड्डे पर सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया। साथ ही साथ उत्तरी नार्वे की ओर जाने वाले कई हवाई मार्गो को भी बंद कर दिया गया।
इस कारण लगभग 10 हजार यात्री परेशान हुए। हवाई अड्डा कर्मचारी यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि वायुसेवा कब बहाल हो सकेगी।
इस कारण अमेरिका में परमाणु सुरक्षा पर आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद नार्वे के प्रधानमंत्री जेन्स स्टोलेनबर्ग अपने देश नहीं लौट पा रहे हैं।
स्टोलेनबर्ग न्यूयार्क में डेरा डाले हैं। राख और धुएं के गुबार के कारण उत्तरी स्वीडन में भी तीन हवाई अड्डे बंद कर दिए गए हैं। राख के कारण जेट इंजनों में आग लगने का खतरा है।
इससे पहले, ब्रिटेन के हवाई अड्डा अधिकारियों ने स्कॉटलैंड की ओर जाने वाले वायुमार्ग को ऐहतियात के तौर पर बंद कर दिया।
ज्वालामुखी विस्फोट के कारण अबेरदीन, एडिनबर्ग और ग्लासगो हवाई अड्डों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है जबकि आने वाले वक्त में ब्रिटेन में कुछ और हवाई अड्डों को बंद किया जा सकता है।
इसके अलावा स्वीडन के अधिकांश हिस्सों, फिनलैंड और उत्तर-पश्चिम रूस तथा डेनमार्क में स्थिति हवाई अड्डों को भी बंद किया जा सकता है।
गुरुवार को ज्वालामुखी में विस्फोट से एक सप्ताह पहले ही उस इलाके में रहने वाले 700 लोगों को अपने घर खाली करने का निर्देश दिया गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।