रोगों से निपटने में माइक्रोवेसल्स करता है मदद
माइक्रोवेसल्स सामान्य कोशिकाओं से आकार में छोटे होते हैं और संदेशवाहक रिबोन्यूक्लिक एसिड (आरएनए) की तरह इनमें भी अनुवाशिंक सूचनाएं होती हैं।
रोडे आइसलैंड अस्पताल के रुधिर विज्ञान और अंकोलॉजी के शोधकर्ता जेसॉन एलियोटा और उनके सहयोगियों ने इन छोटे कणों पर अध्ययन किया।
कोशिकीय क्षति या दबाव या फिर कैंसर, संक्रमण और हृदयरोगों के दौरान ये कण फैल जाते हैं और शरीर की अन्य कोशिकाओं में पहुंचते हैं। इन कणों में समाहित जानकारी से अन्य कोशिकाएं रोगों से निपटने के लिए उपयुक्त व्यवहार करने लगती हैं।
ब्राउन विश्वविद्यालय में भी मेडिसीन के सहायक प्रोफेसर एलियोटा ने कहा, "हम इस बात का पता लगाने का भी प्रयास कर रहे हैं कि किस प्रकार अस्थि मज्जा के भीतर ये कोशिकाएं जीभ जैसे उन अंगों को भी सुधारने का काम करती हैं जो अस्थिमज्जा की कोशिकाओं से संबंधित नहीं है।"
उन्होंने कहा कि हमारे काम से पता चलता है कि जब जीभ को चोट लगती है तो स्टेम कोशिका सहित माइक्रोवेसल्स अस्थि मज्जा में पहुंचती हैं। इसके बाद थोड़ी संख्या में अस्थिमज्जा कोशिकाएं जीभ की कोशिकाओं में बदल जाती हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।