ज्योति बसु के निधन पर राजनीति के सूरमा शोकाकुल
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प्रधानमंत्री ने कहा, "ऐसे महान देशभक्त और इतने बड़े विद्वान के निधन से मुझे निजी क्षति हुई है। उनके निधन पर मैं गहरी संवेदना प्रकट करता हूं।"उन्होने कहा, "व्यक्तिगत रूप से मेरा उनसे लंबा संबंध रहा है। अपने करियर के दौरान अक्सर मैं उनसे पश्चिम बंगाल से संबंधित या फिर राष्ट्रीय महत्व से जुड़े सभी मुद्दों पर सलाह लिया करता था।"
मार्क्सवाद व वामपंथ का निरंतर विरोध करने वाले प्रमुख दक्षिणपंथी राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वयोवृद्ध मार्क्सवादी नेता ज्योति बसु के निधन पर शोक जताया है। पार्टी ने उन्हें भारतीय राजनीति का आदर्श बताया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि ज्योति बाबू भारतीय राजनीति में सबसे लंबे समय तक विद्यमान रहने वाले सबसे विश्वसनीय नेता थे।
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जेटली ने कहा, "उनकी विश्वसनीयता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता था। हमारी पार्टी उनके निधन पर गहरा व्यक्त करती है। वह उन नेताओं में थे जिनसे हम सभी ने कुछ न कुछ सीखा है।" उन्होंने कहा, "भारतीय लोकतंत्र की यही सबसे बड़ी मजबूती है कि इसमें अलग-अलग मतों के लिए भी स्थान है। मतभेदों के बावजूद कुछ नेता ऐसे होते हैं जो आपके विरोधी होते हैं लेकिन उनमें कुछ ऐसे गुण होते हैं जो सराहनीय होते हैं। वह भारतीय राजनीति के आदर्श थे। उनका निधन भारतीय राजनीति का बहुत बड़ा नुकसान है।"
रेल मंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वयोवृद्ध नेता ज्योति बसु को महान राजनीतिक हस्ती करार देते हुए 72 घंटे का राजकीय शोक घोषित करने की मांग की। लगातार 23 वर्षो तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे बसु का रविवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।
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तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता ने यहां संवाददातओं से कहा, "मुझे लगता है कि हम सभी को देश भर में तीन दिन के राजकीय शोक के साथ भारतीय राजनीति की ऐसी महान हस्ती को श्रद्धांजलि देनी चाहिए।" एएमआरआई अस्पताल के बाहर उन्होंने कहा, "वह भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन का प्रथम एवं अंतिम अध्याय थे।"
लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने रविवार को वयोवृद्ध मार्क्सवादी नेता ज्योति बसु के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपने पिता समान शख्स को खो दिया है। चटर्जी ने भावुक स्वर में कहा, "वाम मोर्चे में जब हालात बिगड़ने लगे तो वह उदास थे। मेरे साथ जो हुआ, उससे वह उदास थे। मैं उनसे सभी मसलों पर राय लेता था। मैंने दूसरी बार अपने पिता जैसे किसी शख्स को खो दिया है।"
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जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि युवा राजनीतिज्ञों को वयोवृद्ध मार्क्सवादी नेता ज्योति बसु के जीवन से सीख लेनी चाहिए। उमर ने कहा कि कोई अन्य नेता उनके जितने अर्से तक किसी राज्य का मुख्यमंत्री नहीं रहा। अब्दुल्ला के मुताबिक "किसी ने उनसे बेहतर नहीं किया।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।