अमेरिकी स्तंभकार का भारत से नजदीकी बढ़ाने का सुझाव
कनाडा के दैनिक समाचार पत्र 'कैलगरी हेरॉल्ड' में बुधवार को प्रकाशित लेख में बेस्टसेलर 'गॉड इज नॉट ग्रेट' के लेखक ने तालिबान और अल कायदा के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान के दोहरे रवैये को निशाना बनाया।
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को शीत युद्ध में शीर्ष सहयोगी बनाए रखा। उसने समय-समय पर राजनीति में सैनिक हस्तक्षेप को अनदेखा किया। उसे भारी आर्थिक सहायता दी और अधिक सवाल नहीं पूछे।
हिचेन्स ने लिखा कि आमतौर पर अमेरिका ने भारत की जगह पाकिस्तान को तरजीह दी। बांग्लादेश युद्ध के दौरान अमेरिका तटस्थ भी रहा। इस युद्ध में पूर्वी बंगाल में मुस्लिम जनसंख्या का नरसंहार हुआ।
अफगानिस्तान में सोवियत उपस्थिति के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी को मजबूत करने में मदद की। इन सबसे बावजूद पाकिस्तान का शीर्ष तबका अमेरिका से नफरत करता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना तालिबान और अल कायदा के साथ इसलिए संबंध बनाए हुए है क्योंकि उसे लगता है कि अमेरिकी सेना अधिक समय तक वहां नहीं ठहर सकती।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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