पशुपतिनाथ के स्नानगृह पर माओवादियों का कब्जा
काठमांडू, 7 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल के माओवादी प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड भले ही दावा करें के उनके पूर्व छापामार मजहबी मामलों में दखल नहीं देते लेकिन इसके उलट माओवादियों ने पशुपतिनाथ मंदिर के स्नानगृह पर कब्जा जमा रखा है।
पशुपतिनाथ के पश्चिमी द्वार पर महास्नानगुठि नाम का एक भवन है जहां पारंपरिक तौर पर स्नान की रस्म अदा की जाती है। अब यह भवन कथित तौर पर माओवादियों के कब्जे में है। इसका उपयोग माओवादी व्यापारियों और दुकानदारों से वसूली करने के लिए करते हैं।
मंदिर के दर्शनार्थियों का कहना है कि वे पिछले दो वर्षो से भवन पर माओवादियों का झंडा फहरते देख रहे हैं। वर्ष 2006 से माओवादियों का प्रयास पशुपतिनाथ मंदिर पर नियंत्रण करने का रहा है।
इसी के तहत पशुपतिनाथ क्षेत्रीय विकास ट्रस्ट (पीएडीटी) में कई बदलाव हुए। पिछले दिनों पीएडीटी में एक बौद्ध की नियुक्ति की गई जिसका हिंदू पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
दरअसल, पुशपतिनाथ मंदिर से जुड़ा विवाद उस समय खड़ा हुआ जब नेपाल की माओवादी सरकार द्वारा मंदिर में नए पुजारियों की नियुक्ति और मंदिर के तीन भारतीय पुजारियों के इस्तीफे की खबर सामने आई थी।
अब इस पूरे मामले पर सोमवार को नेपाल की सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होगी लेकिन हिंदू संगठनों ने पहले ही मोर्चा खोल दिया है। जनसभाओं पर प्रतिबंध के बावजूद हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।