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भारतीय दूतावास पर हमले के पीछे आईएसआई का हाथ नहीं: जरदारी

By Staff
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न्यूयार्क, 29 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी आसिफ अली जरदारी ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर हमले के पीछे खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने से इंकार किया है।

न्यूयार्क, 29 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी आसिफ अली जरदारी ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर हमले के पीछे खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने से इंकार किया है।

जुलाई में हुए इस हमले में भारत के दो राजनयिकों और दो सुरक्षाकर्मियों समेत 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे। अफगानिस्तान, भारत और अमेरिका ने इस हमले के लिए आईएसआई को दोषी ठहराया था।

'न्यूजवीक' को दिए एक साक्षात्कार में जरदारी से यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार आईएसआई को काबू में रख पाएगी, उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर आईएसआई को काबू में रहना होगा। कोई अन्य विकल्प नहीं है। आईएसआई राष्ट्र का अंग है।

'न्यूजवीक' ने जरदारी से यह साक्षात्कार पाकिस्तान के वर्तमान राजनीतिक संकट से पहले लिया था। जरदारी को यह याद दिलाने पर कि पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री एवं उनकी पत्नी बेनजीर भुट्टो आईएसआई को समस्या मानती थीं, उन्होंने ने बहुत संभलकर जवाब देते हुए कहा, "मैं यह नहीं कहता कि वह अतीत में समस्या नहीं रही, लेकिन हर कोई अपनी गलतियों से सीखता है।"

साक्षात्कार में जरदारी से पूछा गया था कि क्या उनकी गठबंधन सरकार पांच साल पूरे कर पाएगी, इस पर उन्होंने कहा कि सरकार स्थिर है और वह पांच साल पूरे करेगी। जरदारी ने कहा कि उनके देश को गठबंधन राजनीति के बारे में भारत से सीखना होगा। उन्होंने कहा, "पश्चिमी देशों को गठबंधन सरकार का अनुभव बहुत कम है, लेकिन यदि आप भारतीय मॉडल को देखें, तो पाएंगे कि आज वहां 17 दलों की गठबंधन सरकार है। चार या पांच दलों के साथ हम यह कर सकेंगे।"

जरदारी ने यह भी कहा कि वे नहीं चाहते की पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ देश से निर्वासित हों। उन्होंने कहा,"मैं चाहता हूं कि वह यहीं रहें और हमें फलता-फूलता और पाकिस्तान को कामयाब होता देखें। मुझे लगता है कि यही बेनजीर भुट्टो का बदला होगा।"

पाकिस्तानी सेना के बारे में उन्होंने कहा वह यह भली भांति समझ चुकी है कि उसे संविधान का पालन करना होगा, शासन करना उसका काम नहीं है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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