हिमाचल प्रदेश में ऐतिहासिक मेला शुरू
इस मौके पर श्रद्धालु हिंदू देवी शूलिनी की पालकी ढोते हैं। देवी की प्रतिमा को सुसज्जित पालकी में रखकर उनकी बड़ी बहन देवी दुर्गा के मंदिर में ले जाया जाता है। देवी शूलिनी के मंदिर में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ता है। पालकी ढोने के लिए भक्तों के बीच होड़ लगी होती है। यह मेला तीन दिनों तक चलेगा।
तीन दिनों बाद प्रतिमा को मूल स्थान पर वापस लाए जाने के साथ ही इस मेले का समापन हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि करीब एक सदी पहले बाघत के राजा ने यह मेला शुरू किया था। उन्होंने क्षेत्र में कारोबार, संस्कृति और धर्म को बढ़ावा देने के लिए यह मेला शुरू किया था।
वैसे, इस बार धार्मिक जुलूस देवी की प्रतिमा के बगैर ही निकाला गया। अप्रैल में इस मंदिर से आठ धातुई प्रतिमाओं में से दो प्रतिमाओं एवं सात मुकुटों पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया था। इसी कारण इस बार प्रतिमा के बिना ही जुलूस निकाला गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।