मुख्य न्यायाधीश से हुई वार्ता, वकील लौटेंगे काम पर (लीड)
लखनऊ, 19 मई (आईएएनएस)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हेमंत लक्ष्मण गोखले के साथ हुई वार्ता से संतुष्ट उच्च न्यायालय के वकीलों ने बुधवार से काम पर लौटने का निर्णय किया है।
इससे पहले सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने घोषणा की थी कि जब तक न्यायालय परिसर से पुलिस बल नहीं हटाया जाता तब तक वे लोग काम नहीं करेंगे।
कार्य बहिष्कार के साथ दिन भर आंदोलनरत रहे वकीलों की शाम को मुख्य न्यायाधीश के साथ वार्ता हुई, जिसमें मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यायालय परिसर से पुलिस बल हटा लिया जाएगा लेकिन वकीलों को भी यह ध्यान रखना होगा कि कोई तोड़फोड़ न हो।
मुख्य न्यायाधीश के साथ हुई बातचीत के बाद इलाहाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वी़ सी़ मिश्रा ने आईएएनएस को बताया कि मंगलवार को अवकाश है और बुधवार को यदि पुलिस बल हटाया जाता है तो यहां वकील भी काम शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि अगर परिसर में पुलिस रहेगी तो वकीलों से संघर्ष हो सकता है और ऐसी स्थिति से बचना ही होगा।
इससे पहले अदालत की अवमानना के आरोप में इलाहाबाद की जेल में बंद एस़ क़े अवस्थी नामक वकील की मौत के विरोध में उत्तर प्रदेश में वकीलों ने कार्यो का बहिष्कार किया था। इससे लखनऊ, कानपुर समेत राज्य की अधिकांश अदालतों का कामकाज पूरे दिन ठप पड़ा रहा।
उधर समाजवादी पार्टी (सपा) ने वकीलों का समर्थन करते हुए कहा कि मायावती शासन में वकीलों पर जुल्म ढाया जा रहा है। समाजवादी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद बीरेंद्र भाटिया ने कहा, "मायावती सरकार के शासनकाल में एक वर्ष के भीतर छह वकीलों की हत्या की जा चुकी है और एक दर्जन से अधिक स्थानों पर लाठीचार्ज किया गया है।"
बीरेंद्र भाटिया ने कहा कि मुलायम सिंह सरकार ने जिला और तहसील स्तर पर वकीलों के लिए चैंबर बनाने के लिए बजट में 60 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था और 45 करोड़ रुपये जारी भी किए गए थे लेकिन मायावती सरकार ने चैंबर तैयार नहीं करवाया। अब अवमुक्त की गयी धनराशि को वापस लिया जा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।