बांग्लादेश में बिहार मूल के लोगों को मिली नागरिकता
ढाका, 19 मई (आईएएनएस)। बांग्लादेश में वर्ष 1947 के विभाजन के बाद भारत के विभिन्न हिस्सों से आए ऊर्दू भाषी और गैर बंगाली मुस्लिमों को देश की नागरिकता मिल गई है। इनमें बिहार के तीन लाख से अधिक लोग शामिल हैं।
ढाका उच्च न्यायालय ने रविवार को इस संबंध में फैसला सुनाया। न्यायालय ने कहा कि वर्ष 1947 में विभाजन के दौरान भारत के विभिन्न हिस्सों से आए ऊर्दू भाषी और गैर बंगाली मुस्लिमों को अब देश का नागरिक माना जाएगा। वर्ष 1971 में बांग्लादेश की स्थापना के 36 साल बाद इन लोगों को नागरिकता मिली है।
बांग्लादेशी समाचार पत्र 'डेली स्टार' के अनुसार कुल 11 लोगों ने इस संबंध में न्यायालय में याचिका दायर की थी। गौरतलब है कि 116 विभिन्न शिविरों में तीन लाख से अधिक बिहार मूल के लोग रहते हैं।
न्यायाधीश मोहम्मद अब्दुर रशिद और अशफाकुल इस्लाम की खंडपीठ ने बांग्लादेश चुनाव आयोग को निर्देश जारी किया है कि इन सभी लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल किए जाएं।
समाचार पत्र के अनुसार वर्ष 1947 में विभाजन के समय बिहार से आए लोग पहले पाकिस्तान गए। उसके बाद लगभग 74 हजार पूर्वी पाकिस्तान आ गए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।