आरक्षण संबंधी मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक
नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसके तहत मेरिट के आधार पर सिविल सेवा की परीक्षा में चयनित होने वाले पिछड़े व दलित वर्गो के छात्रों को आगे जाकर उच्च सेवाओं व कैडर के चयन में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सी. के. ठक्कर और न्यायमूर्ति एल. एस. पंता वाली उच्चतम न्यायालय की अवकाशकालीन खंडपीठ ने मार्च 2008 में मद्रास उच्च न्यायलय द्वारा दिए गए फैसले पर रोक लगा दी।
ख्ांडपीठ ने इसके साथ ही उन याचिकाकर्ताओं को भी नोटिस भेजा है जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के नियमों को चुनौती दी थी।
अदालत के फैसले के मुताबिक भले ही पिछड़े व दलित वर्ग का कोई छात्र यदि प्रतिभा के आधार पर सिविल सेवाओं में चयनित होता है तो उसे उच्च सेवाओं व कैडर के चयन में आरक्षण का लाभ मिलेगा।
खंडपीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर तात्कालिक रोक लगाते हुए कहा है कि गर्मी की छुट्टियों के बाद अदालत इस मामले पर विस्तार से अपना फैसला सुनाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।