तनाव में रहने वाली मांओं के बच्चों को हो सकता है दमा
टोरंटो, 19 मई (आईएएनएस)। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया है कि महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अधिक तनाव लेने से उनके बच्चों को भविष्य में दमे की शिकायत हो सकती है।
शोधकर्ता रोजालिंड जे. राइट ने बताया, "हमने अध्ययन में पाया कि दमा वंशानुगत भी होता है। गर्भवती महिलाओं के अक्सर तनाव में रहने से उनके भ्रूण को दमा की शिकायत हो सकती है। बच्चे जब भविष्य में धूल के कण आदि एलर्जी वाले पदार्थ के संपर्क में आते हैं तो उनमें दमे की आशंका बढ़ जाती है।"
शोधकर्ताओं ने जानवरों पर किए अध्ययन में देखा कि गर्भावस्था के दौरान तनाव और एलर्जी के कारक पदार्थो के संपर्क में आने से रोग प्रतिरक्षा प्रणाली पर खराब प्रभाव पड़ता है।
शोधकर्ताओं ने 387 ऐसे शिशुओं की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली का अध्ययन कि जिनकी मांएं गर्भावस्था के दौरान तनाव और एलर्जी पदार्थो के संपर्क में आई थीं।
उन्होंने पाया कि उन शिशुओं की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली दमा के कारक पदार्थो को रोकने में असफल रही और शिशुओं में दमा की शिकायत अधिक पाई गई।
शोधकर्ताओं ने बताया कि गर्भवती महिलाओं के लिए तनाव एक बहुत बड़े सामाजिक प्रदूषण की तरह है और उन्हें और उनके परिवारों को इसे दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।