तेल की कीमतों में कमी के आसार नहीं
नई दिल्ली, 18 मई (आईएएनएस)। डालर में कमजोरी, आपूर्ति संकट और गोल्डमैन सैक्स के अनुमान न सिर्फ कच्चे तेल की कीमतों में नरमी की संभावना पर विराम लगा रहे हैं, बल्कि कीमतों में और तेजी के लिए रास्ता आसान करने में लगे हैं।
नई दिल्ली, 18 मई (आईएएनएस)। डालर में कमजोरी, आपूर्ति संकट और गोल्डमैन सैक्स के अनुमान न सिर्फ कच्चे तेल की कीमतों में नरमी की संभावना पर विराम लगा रहे हैं, बल्कि कीमतों में और तेजी के लिए रास्ता आसान करने में लगे हैं।
न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नाइमेक्स) में सप्ताहांत तेल का जून वायदा 2.17 डालर यानी 1.7 फीसदी चढ़कर 126.29 डालर प्रति बैरल बंद हुआ। इससे पहले नाइमेक्स के इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग में सप्ताहांत समान अवधि का तेल वायदा 127.82 डालर प्रति बैरल के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया था। नाइमेक्स के पिट कारोबार में पिछले सप्ताह समान अवधि का तेल वायदा समान अवधि के दौरान 125.96 डालर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ था।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार गोल्डमैन सैक्स के संशोधित अनुमान व सऊदी अरब का आपूर्ति में बढ़ोतरी से इंकार तेल की कीमतों में उछाल के लिए जिम्मेदार है। गोल्डमैन सैक्स के संशोधित अनुमान के अनुसार मौजूदा वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान तेल की कीमत 141 डालर प्रति बैरल रह सकती है। पूर्व अनुमान में समान अवधि के दौरान तेल की कीमत के 107 डालर प्रति बैरल रहने की संभावना जताई गई थी।
इससे पूर्व गोल्डमैन सैक्स ने गत 6 मई के अपने अनुमान में बताया था कि अगले 6 से 24 महीनों के दौरान तेल की कीमत 150 से 200 डालर प्रति बैरल के रेंज में रह सकती है।
सऊदी अरब द्वारा ओपेक राष्ट्रों के सुर में सुर मिलाते हुए आपूर्ति में बढ़ोतरी की संभावना से इंकार किए जाने के मद्देनजर भी कीमतों को समर्थन मिला। नाइजीरिया में जारी सशस्त्र संघर्ष व मध्य-पूर्व के संकट से भी कीमतों के पक्ष में हवा बन रही है।
इस बीच अमेरिकी ऊर्जा मंत्रालय ने अपने पेट्रोलियम रिजर्व के लिए जुलाई के प्रस्तावित सौदों को रद्द करने की घोषणा की है। बाजार विशेषज्ञ अमेरिकी ऊर्जा मंत्रालय के इस कदम को तेल की कीमतों के लिए शुभ बता रहे हैं। उधर चीन में आए विनाशकारी भूकंप से हुई तबाही को लेकर किए जा रहे अलग अलग दावों और अनुमानों के बावजूद समीक्षक इस आपदा को कीमतों में तेजी के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार निवेशक फिलहाल तेल में निवेश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि भूकंप के बाद राहत व पुनर्वास के मद में वहां तेल की मांग में जबरदस्त इजाफा हो।
तकनीकी समीक्षक आने वाले सप्ताह के लिए तेल में 115 और 130 डालर का सपोर्ट व रेजिस्टेंस स्तर मानकर चल रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।