चुनाव में विजय शांति के पक्ष में : राजपक्षे
कोलंबो, 11 मई (आईएएनएस)। राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने पहले पूर्वी प्रांत परिषद चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन की विजय को अपनी सरकार की आतंकवाद पर शांति नीतियों की जीत बताया है।
कोलंबो, 11 मई (आईएएनएस)। राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने पहले पूर्वी प्रांत परिषद चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन की विजय को अपनी सरकार की आतंकवाद पर शांति नीतियों की जीत बताया है।
राजपक्षे ने कहा, "पूर्वी प्रांत के लोगों ने आतंकवाद के विरोध, लोकतंत्र को मजबूत करने और देश के विकास के लिए अपना मत दिया है।"
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सत्तारूढ़ यूनाइटेड पीपल फ्रीडम एलायंस (यूपीएफए) ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) से अलग हुए तमिल मक्कल विद्युतलई पुलिगल (टीएमवीपी) साथ गठजोड़ किया था। यह गठबंधन बट्टीकलोआ और अम्पाराई सहित तीन जिलों में जीता है। गठबंधन को 37 सीटों की परिषद में से 20 सीटों पर जीत मिली है।
दूसरे स्थान पर यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) और श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस (एसएलएमसी) गठबंधन है जिसे त्रिंकोमालि जिले सहित 15 सीटें मिली हैं।
मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) और तमिल डेमोक्रेटिक एलायंस (टीएनडीए) को एक-एक सीट मिली है।
उधर यूएनपी, जेवीपी और एसएलएमसी का दावा है कि चुनावों के दौरान व्यापक हिंसा हुई है। स्वायत्त चुनाव पर्यवेक्षकों ने भी इस बारे में अपने स्पष्ट विचार रखे हैं।
चुनाव हिंसा निगरानी के स्वायत्त केंद्र (सीएमईवी) ने हिंसा की 64 वारदातों का ब्यौरा प्रस्तुत किया है। इसमें से 48 बड़े और 16 छोटे हमलों के बारे में सूचना है।
'कैम्पेन फॉर फ्री एंड फेयर इलेक्शंस' (सीएएफएफई) नामक एक अन्य संस्थान ने चुनावों को निष्पक्षता से कोसों दूर बताया है।
इसके विपरीत सरकार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए चुनावों को "शांतिपूर्ण" और "लोकतंत्र और विकास की जीत" कहा है।
राजपक्षे के शब्दों में, "इन शांतिपूर्ण चुनावों में जनता ने अपनी पसंद के प्रतिनिधियों को चुना है। मैं देश और पूर्वी प्रांत के विकास में नए प्रतिनिधियों के सहयोग की आशा करता हूं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।