वैज्ञानिकों को बेहतर प्रदर्शन के लिए मिले बेहतर वेतन : नटराजन
नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस)। विश्व तकनीक दिवस और रक्षा शोध एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की पचासवीं वर्षगांठ के अवसर पर रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार एम. नटराजन ने आज कहा कि वैज्ञानिकों को बेहतर प्रदर्शन के लिए बेहतर वेतन मिलना चाहिए।
नटराजन ने कहा, "देश की वैज्ञानिक प्रतिभा भी बाहरी प्रलोभनों का शिकार हो सकती हैं। निजी क्षेत्र में मिलने वाले अधिक वेतन से सरकारी संस्थानों से वैज्ञानिक प्रतिभाएं पलायन कर रही हैं।"
उन्होंने कहा, "हमें आशा थी कि छठा वेतन आयोग इस पहलू पर ध्यान देगा, लेकिन इससे वैज्ञानिक और तकनीकी कर्मचारियों को निराशा हुई है। हमारी राय है कि सरकार वैज्ञानिक और तकनीकी प्रतिभाओं को अपने यहां काम करने के लिए विशेष पैकेज प्रदान करे।"
नटराजन ने कहा कि शोध संस्थानों को अन्य प्रशासनिक संस्थानों की श्रेणी में रखना ठीक नहीं और इससे हमारे देश के वैज्ञानिक विकास के ताने-बाने का अहित होगा।
मंत्रालय के अनुसार 2003 और 2007 के दौरान डीआरडीओ से 1,017 वैज्ञानिक त्यागपत्र दे चुके हैं। इनमें से अधिकांश युवा हैं। इस कारण मौजूदा समय में संस्थान में कर्मचारियों की भारी कमी है।
नटराजन ने बताया कि सौभाग्यवश अपनी पचासवीं वर्षगांठ के अवसर पर डीआरडीओ में काम करने वाले 50 प्रतिशत 25 से 35 वर्ष की युवा वैज्ञानिक प्रतिभाएं हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा डीआरडीओ देश में रक्षा उद्योग के व्यापक विस्तार की दिशा में कार्यरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "गत कुछ वर्षो से भारत के त्वरित आर्थिक विकास के कारण हमारी अर्थव्यवस्था सुरक्षा शोध एवं विकास के क्षेत्र में विशाल निवेश कर सकती है।"
उन्होंने कहा कि डीआरडीओ द्वारा विकसित तकनीकों से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को बराबर लाभ पहुंचा है। प्रधानमंत्री के अनुसार हमारी क्षमताओं का पूरा लाभ उठाने के लिए डीआरडीओ, रक्षाबल और उद्योगजगत को मिल-जुल कर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि डीआरडीओ ने अपने रूसी साझीदारों के साथ मिलकर ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज़ मिसाइलों का निर्माण किया है जो थल सेना के लिए जमीनी और नौसेना के लिए समुद्री लक्ष्यों को निशाना बना सकते हैं।"
प्रधानमंत्री ने सैन्य बलों को उचित समय पर तकनीक और उपकरणों की आपूर्ति किए जाने पर जोर दिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।