परमाणु कार्यक्रम की राह में रोड़ा बने मनमोहन : भाजपा
नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आरोप लगाया है कि जब वह वर्ष 1991-95 के दौरान देश के वित्त मंत्री थे तब उन्होंने धन की कमी का हवाला देते हुए परमाणु कार्यक्रमों का कोई विस्तार नहीं होने दिया और आज जब वह देश के प्रधानमंत्री हैं तो परमाणु कार्यक्रमों की राह में रोड़े अटका रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार परमाणु प्रतिरोधक क्षमता के निर्माण से समझौता कर रही है। वह अमेरिका के साथ परमाणु करार को लेकर उतावली है लेकिन परमाणु प्रतिरोधक क्षमता के निर्माण के सिलसिले में कुछ नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि 2008-09 के आम बजट में परमाणु ऊर्जा विभाग के बजट में 52.9 करोड़ डालर की कमी की गई थी। चीन ने अब तक सौ से अधिक इंटर कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें बना ली है जबकि भारत ने अभी इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया है। यहां तक कि 25 साल पहले शुरू हुई 'इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम' को भी सरकार ने इस साल बंद कर दिया।
प्रसाद ने पोकरण-2 की दसवीं वर्षगांठ की अवहेलना करने के लिए संप्रग सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पोकरण 2 की अवहेलना सिर्फ इसलिए की क्योंकि उस समय अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का शासन था।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस बर्ताव से ऐसा लग रहा है मानो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह इंदिरा गांधी की विरासत के साथ सहज महसूस नहीं कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।