पाइरेसी पहुंचाती है बालीवुड को अरबों का नुकसान
वाशिंगटन, 4 मई (आईएएनएस)। भारतीय फिल्मकार बॉबी बेदी के अनुसार अमेरिका में धड़ल्ले से की जा रही पाइरेसी (नकल) से बालीवुड को प्रतिवर्ष एक अरब डॉलर से अधिक का नुकसान होता है।
वाशिंगटन, 4 मई (आईएएनएस)। भारतीय फिल्मकार बॉबी बेदी के अनुसार अमेरिका में धड़ल्ले से की जा रही पाइरेसी (नकल) से बालीवुड को प्रतिवर्ष एक अरब डॉलर से अधिक का नुकसान होता है।
कैपिटल हिल के एक कार्यक्रम में बेदी ने कहा, "अमेरिका में होम वीडियो मार्किट में करीब 95 प्रतिशत भारतीय फिल्में पाइरेसी का शिकार होती हैं। अमेरिका के किसी भी भारतीय स्टोर में पाइरेटेड (नकली) भारतीय फिल्में मिल सकती हैं।"
उनका कहना है कि नकली फिल्में बेचने वाले कभी नकली अमेरिकी फिल्में नहीं बेचते। उन्होंने अफसोस जाहिर किया कि अमेरिका में कानून लागू करवाने वाली संस्थाएं इस समस्या की रोकथाम की दिशा में अधिक कारगर कदम नहीं उठा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय मनोरंजन उद्योग का कुल व्यवसाय 13 अरब डॉलर का है। अमेरिका में इंडियन होम वीडियो मार्केट का कुल व्यवसाय 2 अरब डॉलर का है जो कि मनोरंजन जगत का 15 प्रतिशत है।
इसके साथ ही भारतीय फिल्में अमेरिका में सबसे अधिक कमाई करने वाली विदेशी फिल्मों की भी श्रेणी में आती हैं।
बेदी के अनुसार मध्य-पूर्व, ब्रिटेन और अमेरिका हिंदी फिल्मों के बड़े बाजार हैं। ब्रिटेन में पाइरेसी की समस्या का काफी हद तक समाधान हो चुका है क्योंकि भारतीय निर्माता अब वहां बड़े थियेटरों में ही फिल्में रिलीज कर रहे हैं।
विश्व की अग्रणी अकाउंटिंग कंपनी 'अर्नेस्ट एंड यंग' के एक हालिया अध्ययन के अनुसार भारतीय मनोरंजन उद्योग को लगभग 4 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है।
मिस्र के फिल्म उद्योग के संबंध में एक ऐसा ही अध्ययन करने वाली लंदन स्थित 'क्रिएटिव एंड इनोवेटिव इकोनॉमी सेंटर' के बट्रैंड मॉलियर का कहना है कि इस समस्या का कोई जादुई इलाज संभव नहीं।
उनके अनुसार अनेक विकासशील देशों के कानूनों में ऐसी समस्याओं से निपटने का कोई प्रावधान नहीं है। इस कारण विश्व व्यापार संगठन की इंटरनेट संधि को अमल में लाया जाना आसान नहीं होता।
इसके लिए वह एक चार सूत्री समाधान की सिफारिश पेश करते हैं। इसमें शिक्षा, कानून, उसका अमलीकरण और तकनीक शामिल हैं।
उनके अनुसार युवाओं को जानकारी होनी चाहिए कि पाइरेसी कैसे उनके पेशे को नुकसान पहुंचाती है। इसके साथ ही इंटरनेट कॉपीराइट संधि को सख्त नागरिक और आपराधिक कानूनों के तहत अमल में लाया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि अमेरिका को प्रति वर्ष फिल्म पाइरेसी से 20.5 अरब डॉलर का नुकसान होता है। इसमें 80 करोड़ डॉलर राजस्व का नुकसान शामिल है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।