लिट्टे ने दो महीनों में हथियारों की तीन खेप उतारी
कोलंबो, 4 मई (आईएएनएस)। श्रीलंकाई नौसेना के लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम-(लिट्टे) के हथियारों से लदे दस पोत तबाह करने के दावों के बावजूद इस विद्रोही संगठन ने पिछले दो महीनों में सैनिक साजोसामान से लदी कम से कम तीन खेप हासिल की हैं।
यह खुलासा देश की खुफिया एजेंसियों ने किया है। आज यहां मिली मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वोत्तर वेली ओया और उत्तरी वान्नी एवं जाफना मोर्चों पर लिट्टे द्वारा भारी गोलाबारी किये जाने से ऐसी चिंतायें बढ़ गयी हैं कि लिट्टे रोजानावार ढंग से अपने शस्त्रागार को उन्नत कर सकता है।
अंग्रेजी दैनिक लैकबीमा न्यूज ने अपने रविवार के रक्षा कॉलम में लिखा है, "लिट्टे के लिए शस्त्रागार की भूमिका निभाने वाले पोतों को नौ सेना द्वारा तबाह किए जाने के बाद लोगों में आम धारणा यही थी कि संगठन के पास हथियारों की कमी हो गई है, जबकि खुफिया एजेंसियों की ताजा जानकारी अलग ही संकेत देती है "।
अखबार ने लिखा है, "फरवरी और मार्च के महीनों में लिट्टे द्वारा हथियारों की तीन खेप हासिल करने की खुफिया जानकारियां बहुत ही चिंताजनक तस्वीर पेश करती हैं।"
सैन्य खुफिया निदेशालय-डीएमआई की ओर से दाखिल तथा राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को सौंपी एक ताजा रिपोर्ट के हवाले से मीडिया की खबरों में कहा गया है कि 12 मार्च को वन्नी में तस्करी के जरिये लाये गये हथियारों की एक खेप पहुंची।
राज्य खुफिया सेवा की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि लिट्टे ने हथियारों से लदे दो पोत 16 और 17 फरवरी को हासिल किए। इन पर लदे हथियार जहाजों से दूसरी नौकाओं में भेजे गये और उसके बाद उन्हें पूर्वोत्तर तट पर चलये, मुल्लीतिवू और वेत्तिलालेक र्नी में उतारा गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लड़ाई के मोर्चे पर हाल के घटनाक्रम से भी खुफिया विभाग की ये जानकारियां सही साबित होती मालूम पड़ती हैं। हाल के संघर्षो में लिट्टे की ओर से गोलाबारी और मोर्टार हमले बढ़े हैं। गत 23 अप्रैल को उत्तरी जाफना प्रायद्वीप मुहामलई में हुए संघर्ष में दोनों पक्षों के दो सौ से ज्यादा लड़ाके मारे गये और करीब एक हजार से ज्यादा घायल हो गए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।