हंसोड़ों ने ठहाकों के बीच दिया जल-जंगल बचाने का संदेश
भोपाल, 4 मई (आईएएनएस)। विश्व हास्य दिवस पर भोपाल की सड़कें ठहाकों से गूंज उठी। इस अवसर पर हंसोडों ने तन्दुरुस्त रहने में सहायक हास्य व्यायाम की खूबियां गिनाने के साथ-साथ जल और जंगल बचाने के भी संदेश दिए।
रविवार तड़के भोपाल के हंसोड़े सड़क पर निकल आए और साढ़े छह बजे से लेकर नौ बजे सुबह तक शहर की मुख्य सड़कों पर धमाल मचाते रहे। इस दौरान हंसोड़ों ने जल और जंगल को बचाने का संदेश भी नायाब ढंग से दिया।
सुबह साढ़े छह बजे बोर्ड आफिस चौराहे से ठहाकों के साथ हंसोड़ों की रैली शुरू हुई। रैली में शामिल नौजवानों से लेकर बुजुर्गो तक के हास्य व्यायाम ने हर किसी को हंसा दिया।
कस्तूरी बाई की उम्र 104 वर्ष है लेकिन वह भी नाच रही थीं। दूसरी तरफ 70 साल के सी़ बी़ चंसौरिया ठहाकों में मस्त थे। इस वाहन रैली में शामिल हंसोड़ों की पोशाक भी गुदगुदाने वाली थी। कोई पगड़ी बांधे था तो किसी के हाथ में बच्चों के खिलौने थे। इसके अलावा किसी के हाथ में तख्ती थी तो कोई संदेश लिखे कपड़े पहने हुए था।
हंसोड़ों की यह वाहन रैली शहर के मुख्य मार्गो से गुजरती हुई इंदिरा निकुंज पर समाप्त हुई। इस दौरान उन लोगों ने जगह-जगह रुककर हास्य व्यायाम की क्रियाओं का प्रदर्शन किया और जल और जंगल को बचाने के संदेश दिए।
विश्व हास्य दिवस पर सैकड़ों हंसोड़ों ने ठहाके के साथ संदेश देने की कोशिश की कि उम्र भले ही बढ़ गई है,यदि स्वस्थ रहना है तो हंसते रहना होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।