शिकारी को तीन साल की सजा
अलवर 10 जनवरी .वार्ता. राजस्थान में अलवर जिले की राजगढ अदालत की न्यायिकमजिस्ट्रेट .प्रथम. श्रीमती रैना शर्मा ने सरिस्का बाघ अभयारण्य में एक बघेरे .पैंथर. का शिकार करने के जुर्म में कुख्यात शिकारी कल्या बाबरिया को भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत तीन..तीन साल के कठोर कारावास एवं 10..10 हजार पये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है
प्रकरण के अनुसार क्षैत्रीय वन अधिकारी रैंज टहला ने तीन फरवरी 2006 को कल्या बाबरिया पुत्र लाद्या निवासी चान्देरा. सूरता पुत्र बख्तावर कालबेलिया के विद्ध मामला पंजीब्रद्ध कराया1 गिरफ्तार शिकारी कल्या बाबरिया ने 11 अक्टूबर 2005 को इकबालिया बयान में बताया कि तीन..चार साल पहले सरिस्का परियोजना के टहला रैंज में रात्रि को लोहे का फंदा लगाया1 कल्या और सूरता पास ही एक तिबारे में सो गये1 सुबह उस फंदे मेंएक बघेरा फंसा मिला जिसे लाठी और पत्थरो से मार दिया1 मृत बघेरे की खाल चाकू और छुर्री से हटा ली1 इस खाल का सौदा दोनो के बीच तीन हजार पये में हुआ1 सूरता ने खाल की एवज में 1500 पये दे दिये1 सूरता फंदा. चाकू छुर्री. खाल और हड्डी अपने साथ ले गया इकबालिया बयान के आधार पर उसके विद्ध भारतीय वन्य जीव अधिनियम की धारा 9/51 . 27/51 . 29/51 . 39/51 . 48 ए व बी/51 के तहत मामला दर्ज किया गया1 मजिस्ट्रेट ने इन धाराओं के तहत कल्या बाबरिया को दोषी मानते हुए तीन..तीन साल की सजा तथा 10..10 हजार पये की सजा सुनाई है1 अर्थ दंड अदा नही करने पर उसे प्रत्येक धारा में तीन..तीन माह का कठोर कारावास भी भुगतना पडेगा
सं शिव जगबीर1530वार्ता