Hindi Diwas: 14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानें इस दिन का इतिहास
Hindi Diwas: 14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानें इस दिन का इतिहास
नई दिल्ली, 13 सितंबर: भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। ये दिन हिंदी को बढ़ावा देने और प्रचारित करने के लिए मनाया जाता है। अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन के बाद हिंदी दुनिया की चौथी ऐसी भाषा है, जो सबसे ज्यादा बोली जाती है। भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को देश की अधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था। हिंदी के महत्व को दिखाने के लिए देश में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
Recommended Video
14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस
संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को तय किया कि हिंदी भारत की राजभाषा होगी। उसके बाद देश में पहली बार 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने लिया था। अधिकारिक तौर पर भारत में पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। इसके अलावा 14 सितंबर को राजेंद्र सिंह का भी जन्मदिन है, जिन्होंने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा बनाने की दिशा में अथक प्रयास किया था।
हिंदी भारत सरकार की दो अधिकारिक भाषाओं में से एक है। हिंदी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। भारत की दूसरी अधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। अंग्रेजी भारत गणराज्य की 22 भाषाओं में से एक है।
जानिए हिंदी भाषा का इतिहास
हिंदी भाषा का इतिहास कई सालों पुराना है। हिंदी का इतिहास इंडो-यूरोपीय भाषा के समूह के इंडो-आर्यन डिवीजन से संबंधित है। कहा जाता है कि हिंदी की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है। भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं। 1945 में आजादी के बाद देश में सबसे बड़ा सवाल भाषा को लेकर था। लेकिन भारत की संविधान सभा ने 6 दिसंबर 1946 को भारत का संविधान लिखने के लिए हिंदी भाषा को चुना।
भारत के अलावा हिंदी नेपाल, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, फिजी और मॉरीशस जैसे कई अन्य देशों में भी बोली जाती है। विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है।