फैक्ट चेक: किसान आंदोलन में तिरंगे के अपमान का दावा, जानें क्या है सच्चाई
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें भारतीय झंडे पर दो आदमी पैर ऱखे हुए खड़े हैं वहीं एक बुजुर्ग सिख भारत के राष्ट्रीय ध्वज को जूता दिखाते हुए नजर आ रहा है। वायरल तस्वीर में दावा किया जा रहा है कि, ये दिल्ली में हो रहे किसान आंदोलन की तस्वीर है। किसान आंदोलन में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जा रहा है। इस तस्वीर को कई अन्य दावों के साथ फेसबुक समेत कई माध्यमों के जरिए फैलाया जा रहा है।
तस्वीर को शेयर करते हुए यूजर्स कैप्शन में लिख रहे हैं, "हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना ही किसान आंदोलन है तो मैं थूकता हूं ऐसे किसान आंदोलन पर? धिक्कार है ऐसे किसान आंदोलन पर, ये किसान हो ही नही सकते देश के गद्दार है इन्हें देशद्रोह के तहत गिरफ्तार कर लेना चाहिए। सोशल मीडिया पर किए जा रहे इस दावे की वन इंडिया फैक्ट चैक टीम ने पड़ताल की तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई।
पड़ताल से पता चला कि, ये तस्वीर साल 2013 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लंदन में खींची गई थी। तस्वीर में दिख रहे लोग खालिस्तानी समर्थक हैं।तस्वीर का किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है। तस्वीर को गूगल पर रिवर्स सर्च करने पर हमें 'खालसा दल यके' नाम का एक ब्लॉग मिला। इस ब्लॉग को 17 अगस्त 2013 को प्रकाशित किया गया था। ब्लॉग पर वायरल तस्वीर समेत कई और भी तस्वीरें मौजूद हैं जिनमें सिख समुदाय के कुछ लोग तिरंगे झंडे का अपमान करते हुए दिख रहे हैं।
ये तस्वीरें 15 अगस्त 2013 को सेंट्रल लंदन स्थित भारतीय दूतावास के पास खींची गई थीं। इस दिन लंदन के सिख समुदाय सहित कुछ अल्पसंख्यकों ने भारत पर उत्पीड़न और कब्जे का आरोप लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन किया था। दल खालसा यूके, पंजाब के बाहर बनाए गए दल खालसा की यूनिट है। ये दल सिख मुद्दों को लेकर हमेशा ऐक्टिव रहा है। हमारी पड़ताल में ये दावा गलत निकला है।
Fact Check
दावा
किसान आंदोलन में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जा रहा है।
नतीजा
ये तस्वीर साल 2013 में स्वंत्रता दिवस के मौके पर लंदन में खींची गई थी। इसका मौजूदा किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।