Fact check: वोडाफोन मध्यस्थता मामले में अटॉर्नी जनरल ने केंद्र को नहीं दी कोई सलाह
नई दिल्ली। 22,100 करोड़ रुपए के कर मामले में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत से दूरसंचार कंपनी वोडफोन को राहत मिलने के बाद अब केंद्र सरकार मध्यस्थता मामले कानूनी उपाय समेत सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। इस बीच कुछ ऐसी खबरें सामने आईं जिसमें दावा किया जा रहा है कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार को वोडफोन के खिलाफ अपील नहीं करने की सलाह दी है। हालांकि यह दावा झूठा है और वित्त मंत्रालय ने खुद अपने एक बयान में इसे खारिज किया है।
गौरतलब है कि सितंबर में वोडाफोन ग्रुप पीएलसी ने पिछली तिथि से लागू कर कानून के तहत 22,100 करोड़ रुपए के कर मांग के मामले में भारत सरकार के खिलाफ मध्यस्थता जीत में जीत दर्ज की है। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता कोर्ट ने वोडाफोन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि पिछले करों में भारत की मांग एक द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौते के तहत निष्पक्ष व्यवहार के खिलाफ है। हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद वित्त मंत्रालय कहा कि वह सभी विकल्पों के साथ वोडाफोन मध्यस्थता पुरस्कार की जांच की जा रहे है और आगे की कार्रवाई जांच के नतीजों के आधार पर की जाएगी।
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इस बीच वित्त मंत्रालय अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल द्वारा वोडाफोन के खिलाफ अपील नहीं करने के सुझाव की खबरों को खारिज किया है। मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि मीडिया के कुछ खंडों में समाचार प्रसारित किया जा रहा है जिसमें दावा किया गया है कि अटॉर्नी जनरल ने वोडाफोन मध्यस्थता पुरस्कार में अपील नहीं करने के पक्ष में राय दी है, ऐसी खबरें पूरी तरह से गलत और बिना किसी तथ्यात्मक आधार पर हैं।
Fact Check
दावा
वोडाफोन मध्यस्थता मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने केंद्र को अपील नहीं करनी की सलाह दी है।
नतीजा
अटॉर्नी जनरल ने नहीं दिया कोई सुझाव, वित्त मंत्रालय ने किया खारिज।