Palmistry: हस्तरेखा से जानिए कैसा बीतेगा आपका बुढ़ापा
नई दिल्ली। हर व्यक्ति पूरे जीवन अपने बुढ़ापे की चिंता करता रहता है। वह चाहता है उसका बुढ़ापा सुखी और सुरक्षित बीते इसलिए वह जीवनभर धन जुटाने में लगा रहता है। बहुत से लोग ढेर सारा धन जुटा भी लेते हैं लेकिन उन्हें या तो कोई बीमारी घेर लेती है या उन्हें पारिवारिक सुख नहीं मिल पाता। हस्तरेखा शास्त्र में हाथों की लकीरों को देखकर पता लगाया जा सकता है कि आपका बुढ़ापा कैसा बीतेगा। इसके लिए जरूरी है हाथ की लकीरों और पर्वतों का गहराई से अध्ययन करना।
प्लूटो पर्वत का स्थान
हथेली पर प्लूटो पर्वत का स्थान हृदय रेखा से नीचे और मस्तिष्क रेखा के ऊपर होता है। यानी यह पर्वत इन दोनों रेखाओं के मध्य में होता है। सूर्य पर्वत से नीचे आते हुए इस जगह पर जहां आप पहुंचते हैं, वहीं आपकी हथेली का प्लूटो पर्वत होगा। प्लूटो पर्वत का उन्न्त होना या यहां गड्ढा होना ही बुढ़ापे के जीवन की सही जानकारियां देता है। अमूमन पर्वतों का उठा हुआ होना अच्छा माना जाता है, लेकिन प्लूटो पर्वत के विषय में ऐसा नहीं है। अगर प्लूटो पर्वत का क्षेत्र बहुत अधिक उठा हुआ हो तो यह ठीक नहीं माना जाता है। ऐसे व्यक्ति स्वभाव से बेहद क्रूर होते हैं और उनका बुढ़ापा भी अत्यधिक परेशानियों भरा होता है। अधिकांश मामलों में ऐसा माना गया है कि ये लोग बहुत अधिक शिक्षा नहीं ले पाते या बौद्धिक रूप से कमजोर होते हैं। इनमें आध्यात्मिकता की भी कमी होती है। ऐसे लोगों को बुढ़ापे में ना पारिवारिक सुख मिलता है और ना ही परिवार का साथ। इसलिए इनका बुढ़ापा बेहद कष्टप्रद होता है।
क्रॉस का निशान
क्रॉस का निशान हर पर्वत पर अलग-अलग प्रभाव दर्शाता है। यदि क्रॉस का चिन्ह प्लूटो पर्वत पर है तो संभव है ऐसे व्यक्ति को 45 की उम्र तक आते-आते मृत्यु तुल्य कष्ट भुगतना पड़ते हैं। उसे भयानक बीमारी घेर लेती है और बुढ़ापा प्रारंभ होते ही उसकी मृत्यु तक होने की आशंका रहती है। ऐसा व्यक्ति यदि बन भी जाए तो बुढ़ापे के मध्य में उसे हृदयाघात हो सकता है।
प्लूटो पर्वत पर गड्ढे होना दुर्भाग्य की निशानी
हथेली के किसी भी पर्वत पर गड्ढे होना या इसका धंसा हुआ होना अच्छा नहीं माना जाता। प्लूटो पर्वत पर गड्ढे होना भी व्यक्ति के दुर्भाग्य को दर्शाता है, विशेषकर बुढ़ापे के दिनों में व्यक्ति को सुख नहीं मिल पाता। उसे परिवार से अलग रहना पड़ता है। प्लूटो पर्वत पर गड्डे होने से व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है और उसका बुढ़ापा बेहद कष्टों में गुजरता है।
प्लूटो पर्वत का संतुलित होना
प्लूटो पर्वत का संतुलित होना यानी यह ना अधिक उठा हुआ हो और ना ही बहुत अधिक उभरा हुआ हो, बल्कि हथेली के दूसरे हिस्सों के साथ इसका तालमेल सही हो तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है। यह बुढ़ापा सुख और शांति पूर्वक बीतने की निशानी है। ऐसे व्यक्ति उम्र के अंतिम पड़ाव में स्वस्थ और खुशहाल रहते हैं, परिवार के सदस्यों का भरपूर सहयोग और साथ इन्हें मिलता है।
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