बुध करेगा सिंह से कन्या में प्रवेश, जानिए किस राशि पर क्या होगा प्रभाव
नई दिल्ली। ज्ञान, बुद्धि, विवेक, आर्थिक संपन्न्ता और व्यापार-व्यवसाय का प्रतिनिधि ग्रह बुध 19 सितंबर 2018 बुधवार को प्रात: 4 बजकर 23 मिनट पर सिंह से कन्या राशि में प्रवेश करने जा रहा है। अपनी स्वराशि कन्या में गोचर करने के कारण बुध अति प्रसन्न् रहेंगे और इस राशि की किस्मत खोलने वाले साबित होंगे। बुध इस राशि में 6 अक्टूबर 2018 शनिवार को दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक रहेंगे। वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध गोचर कुंडली में जिस प्रकृति के ग्रह के साथ बैठते हैं उसके अनुसार व्यवहार करने लगते हैं। यदि शुभ ग्रह के साथ बैठे हैं तो कुंडली के शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है और क्रूर ग्रह के साथ है तो क्रूर स्वभाव के हो जाते हैं।
आइए जानते हैं बुध के इस गोचर का सभी 12 राशियों पर क्या असर होने वाला है। यह सारा फल कथन जातक अपनी चंद्र राशि के अनुसार देखें।
मेहनत का फल मिलेगा
- मेष : मेष राशि के जातकों के लिए बुध का गोचर छठे भाव में होगा। इस दौरान सूर्य भी कन्या राशि में चल रहे हैं इसलिए छठे यानी रोग भाव में बुधादित्य योग बन रहा है। यह समय अपनी सफलता तय करने वाला साबित होगा। बुधादित्य योग के प्रभाव से आप शत्रुओं को मुकदमों में परास्त करने में कामयाब होंगे। आर्थिक तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे। कार्यक्षेत्र में मेहनत के अनुरूप परिणाम मिलने वाला है। नया कार्य-व्यवसाय प्रारंभ कर सकते हैं। वैवाहिक जीवन सुखद होगा।
- वृषभ : वृषभ राशि की कुंडली में बुध का गोचर पंचम स्थान में होगा। संतानपक्ष की ओर से कोई सुखद समाचार आपको मिल सकता है। आपके जीवन में अब तक जो काम अटके हुए हैं वे अब रफ्तार पकड़ने वाले हैंे। सूर्य-बुध की युति वृषभ राशि वालों के लिए भी लाभप्रद साबित होगी। वैवाहिक जीवन में तनावमुक्ति होगी। जीवनसाथी से संबंध मधुर बनेंगे। नौकरीपेशा व्यक्तियों को कोई तरक्की मिल सकती है। बौद्धिक कार्य, लेखन आदि से जुड़े लोगों को सम्मान मिलेगा। नया घर- गाड़ी मिल सकती है।
- मिथुन :इस राशि के लिए बुध का गोचर चतुर्थ स्थान यानी सुख भाव में होने जा रहा है। आपको आय के एक से अधिक नए साधन प्राप्त होने वाले हैं। अब तक जो आर्थिक तरक्की रूकी हुई थी अब उसका रास्ता खुलने का समय आ गया है। फंसा हुआ धन भी लौट आएगा। परिवार, भाई-बहनों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। व्यावसायिक कार्यों में सफलता मिलेगी। इस राशि के स्वामी बुध ही हैं इसलिए समस्त अटके कार्य आसानी से पूरे होने लगेंगे। पैतृक संपत्ति को लेकर भाई-बंधुओं से चल रहा विवाद समाप्त होगा।
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अस्थिरता और अशांति का दौर समाप्त होगा
- कर्क : कर्क राशि के लिए तीसरे स्थान में बुध सूर्य के साथ गोचर करेगा। तीसरा भाव भाई-बंधुओं का स्थान होता है इसलिए परिवार के सदस्यों में निकटता बढ़ेगी। अब तक आप जिस मानसिक अस्थिरता और अशांति के दौर से गुजर रहे थे उसमें सुधार होगा। बीमारियों से मुक्ति मिलेगी। चंद्रदेव की राशि होने के कारण जो लोग समुद्र पारीय देशों में व्यापार कर रहे हैं उन्हें बड़ी सफलता हाथ लगने वाली है। विद्यार्थियों के विदेश में शिक्षा ग्रहण करने का रास्ता खुलेगा।
- सिंह : कुंडली का दूसरा स्थान धन स्थान होता है। इस घर में बुध का गोचर होगा। जो लोग सरकारी नौकरी में हैं उन्हें स्थान परिवर्तन के साथ तरक्की मिलेगी। जिन लोगों की आय का साधन व्यापार है उन्हें बिजनेस में विस्तार करने का अवसर मिलेगा। अचानक कहीं से धन मिलने के योग हैं। निवेश, प्रॉपर्टी से लाभ मिलने का समय आ गया है। विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। वैवाहिक कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होंगी। पति-पत्नी के बीच चल रहा मनमुटाव समाप्त होगा।
- कन्या :इस राशि के लिए पहले स्थान यानी लग्न में बुध का गोचर हो रहा है। सबसे पहली बात तो यह कि इस राशि के जातकों के ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होने वाली है। निर्णय क्षमता मजबूत होगी और अब तक जिस किसी काम को लेकर असमंजस की स्थिति थी वह दूर होगी। लग्न स्थान में बुधादित्य योग का बनना अत्यंत शुभ साबित होगा। प्रत्येक कार्य में सफलता मिलेगी। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। सामाजिक क्षेत्र में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धार्मिक यात्राएं हो सकती हैं। व्यापारियों को अपनी सफलता से खुश होने का मौका मिलेगा।
- तुला : तुला राशि के लिए बुध का गोचर 12वें भाव व्यय स्थान में होगा। अनावश्यक खर्चों पर लगाम लगाना आपके लिए जरूरी होगा, वरना पैसों की व्यर्थ बर्बादी होगी। कार्यक्षेत्र में नई जिम्मेदारियां मिलने से काम का दबाव बढ़ेगा। परिवार में कोई खर्च आ सकता है। ध्यान रहे किसी भी काम को करने में आलस्य न करें, पहले से अधिक मेहनत जरूर करना पड़ेगी लेकिन बाद में इसका सुखद परिणाम आपको ही हासिल होगा। शारीरिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा।
- वृश्चिक : 11वें भाव आय स्थान में बुध का गोचर होने से सबसे ज्यादा लाभ बिजनेस से जुड़े लोगों को होगा। धन प्राप्ति के प्रबल योग बन रहे हैं। पुराना निवेश अब लाभ देगा। अटका हुआ, उधार दिया हुआ पैसा लौट आएगा, हालांकि ध्यान रखें अनावश्यक खर्चों से बचने में समझदारी होगी। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। व्यर्थ के तनाव और विवाद में न उलझें। शत्रु हावी होने का प्रयास करेंगे, लेकिन आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे। परिवार में किसी बात को लेकर तनाव पैदा होगा।
- धनु : कुंडली का दशम स्थान कर्म स्थान कहलाता है। धनु राशि के लिए इसी स्थान पर बुध का गोचर होगा। बुध और सूर्य की युति कार्यक्षेत्र और कॅरियर में सफलता के संकेत दे रही है। विद्यार्थियों को मेहनत का शुभ परिणाम मिलेगा। यदि आप स्थान और जॉब में परिवर्तन करना चाहते हैं तो यह समय शुभ रहेगा। पारिवारिक स्थिति में चल रहा तनाव दूर होगा। जीवनसाथी से संबंध मधुर बनेंगे। अविवाहित युवक-युवतियों के विवाह का मार्ग प्रशस्त होगा।
- मकर : मकर राशि के लिए बुध का गोचर नवम स्थान यानी भाग्य भाव में होगा। इस राशि वालों के लिए यह समय भाग्योदयकारी रहेगा। पैतृक संपत्ति मिलने के योग हैं। आप स्वयं कोई भूमि, भवन संपत्ति खरीद सकते हैं। बड़ा वाहन खरीदने के योग हैं। स्वास्थ्य में सुधार होगा। वैचारिक मजबूती आएगी, निर्णय क्षमता मजबूत बनेगी। परिवार में सुखद वातावरण रहेगा। सार्वजनिक जीवन में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नया प्रेम प्रसंग प्राप्त हो सकता है। अति उत्साह में आकर किसी को बुरा-भला कहने से बचें।
- कुंभ : कुंभ राशि के आठवें स्थान में बुध का गोचर होगा। इस राशि वालों के लिए कुछ मामलों में संभलकर रहने का समय है। स्वास्थ्य खराब हो सकता है, परिवार और संतान को लेकर चिंता बढ़ेगी। यदि आप किसी के प्रेम में पड़े हुए हैं तो संभलकर रहें, आपको कोई नुकसान पहुंचा सकता है। आर्थिक मामलों के लिए कुछ हद तक स्थिति में सुधार आएगा। किसी परेशानी में परिवार का पूरा सहयोग मिलेगा। अविवाहितों के विवाह की बात बनेगी।
- मीन :मीन राशि के जातकों के सप्तम स्थान में बुध गोचर करने वाला है। यह स्थान जीवनसाथी, प्रेम संबंध का स्थान है इसलिए वैवाहिक जीवन में चल रहे तनाव से राहत मिलेगी। हालांकि इस राशि के लोगों का स्वास्थ्य थोड़ा नरम-गरम रह सकता है। साथ ही पेट संबंधी कोई पुराना रोग उभर सकता है। नौकरी में परिवर्तन करना चाहें तो कर सकते हैं। व्यापार में तरक्की होगी। काम की अधिकता के कारण मानसिक परेशानी महसूस करेंगे।
अनावश्यक खर्चों पर लगाम लगाना जरूरी
पैतृक संपत्ति मिलने के योग
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