जानिए क्या कहती है आपकी भाग्य रेखा?
अगर भाग्य रेखा मणिबन्ध से प्रारम्भ शनि पर्वत तक जाये तो वह व्यक्ति भाग्यशाली माना जाता है।
हथेली में अनेक प्रकार के चिन्ह व रेखायें मौजूद होती है। जिन सबका अलग-अलग महत्व है। हाथ बनी रेखायें आपके भविष्य के प्रति सकेत देती है कि आपके जीवन में क्या-क्या होने वाला है। वैसे तो हथेली की सभी रेखायें महत्वपूर्ण होती है किन्तु भाग्य रेखा का विशेष रोल होता है। किसी का भाग्य जानना है तो भाग्य रेखा का अवलोकन करना अतिआवश्यक है। READ ALSO :हाथों की लकीरों में छुपा है किस्मत का खजाना...
हाथ
की
मिडिल
फिंगर
के
पास
का
क्षेत्र
शनि
पर्वत
होता
है।
जो
रेखा
मणिबन्ध
{कलाई}
से
निकलकर
शनि
पर्वत
तक
आ
जाये
उसे
भाग्य
रेखा
कहा
जाता
है।
इस
रेखा
के
उदगम
का
स्थान
कोई
निश्चित
नहीं
है
पर
शनि
पर्वत
तक
पहुंचने
पर
ही
इसे
पूर्ण
भाग्य
रेखा
कहा
जाता
है।
1-अगर
भाग्य
रेखा
मणिबन्ध
से
प्रारम्भ
शनि
पर्वत
तक
जाये
तो
वह
व्यक्ति
भाग्यशाली
माना
जाता
है।
ऐसे
लोग
कम
समय
में
अच्छा
मुकाम
हासिल
कर
लेते
है।
इनके
जीवन
में
कुछ
लोग
ऐसे
मिलते
है,
जो
इनका
मार्गदर्शन
करके
सफलता
की
सीढि़या
चढ़ाते
है।
2-जिन
लोगों
की
भाग्य
रेखा
चन्द्र
पर्वत
से
प्रारम्भ
होकर
शनि
क्षेत्र
तक
जाती
है।
वे
लोग
बहुत
भावुक
होते
है,
दूसरों
की
मदद
करने
के
लिए
हमेशा
तत्पर
रहते
है।
इनका
भाग्य
दूसरों
की
मदद
पर
निर्भर
रहता
है।
ये
थोड़ा
आलसी
व
सन्तोषी
भी
होते
है।
ऐसे
लोग
लेखक,
पत्रकार
या
प्रकाशन
के
क्षेत्र
में
अपना
करियर
बना
सकते
है।
3-यदि
चन्द्र
क्षेत्र
से
भाग्य
रेखा
निकली
हो
और
कोई
अन्य
रेखा
भी
भाग्य
रेखा
के
साथ
चल
रही
हो
तो
व्यक्ति
की
शादी
किसी
धनी
परिवार
में
होती
है
यानि
ससुराल
से
आर्थिक
सहयोग
मिलता
रहता
है।
ऐसे
लोगों
का
विवाह
के
बाद
ही
भाग्योदय
होता
है।
चन्द्रमा
के
प्रभाव
के
कारण
इनके
जीवन
में
उतार-चढ़ाव
की
स्थितियॉ
ज्यादा
बनी
रहती
है।
4-अगर
भाग्य
रेखा
शनि
पर्वत
को
पार
करके
मध्यमा
अॅगुली
के
प्रथम
पर्व
तक
पहुॅच
जाये
तो
जातक
का
जीवन
कठिन
संघर्षो
में
व्यतीत
होता
है।
अपनी
गलतियों
के
कारण
ही
व्यक्ति
को
अनेक
असफलताओं
का
स्वाद
चखना
पड़ता
है।
ऐसे
लोगों
को
कोई
भी
निर्णय
तत्काल
नहीं
बल्कि
काफी
मंथन
करने
के
बाद
ही
लेना
चाहिए।
5-यदि
हथेली
में
भाग्य
रेखा
किसी
स्थान
पर
जीवन
रेखा
को
काट
दे
तो
जातक
को
उस
उम्र
में
किसी
बदनामी
का
सामना
करना
पड़ता
है।
6-हथेली
में
भाग्य
रेखा
मणिबन्ध
से
जितनी
दूर
से
शुरू
होती
है,
जातक
का
भाग्य
भी
उतनी
देर
में
काम
करना
प्रारम्भ
करता
है।
भाग्य
रेखा
टेढ़ी-मेढ़ी
होने
से
जीवन
में
बहुत
भटकना
पड़ता
है।
एक
नहीं
अनेक
कामों
में
हाथ
आजमाना
पड़ता
है।
7-भाग्य
रेखा
ह्रदय
रेखा
पर
आकर
रूक
जाये
तो
व्यक्ति
प्रेम
सम्बन्धों
के
कारण
असफलतायें
प्राप्त
करता
है।
किन्तु
यदि
भाग्य
रेखा
सीधे
गुरू
पर्वत
तक
जाये
तो
जातक
प्रेम
सम्बन्धों
के
कारणों
सफलतायें
पाता
है।
8-अगर
हथेली
में
सामान्तर
दो
भाग्य
रेखायें
चल
रही
है
तो
उस
व्यक्ति
के
जीवन
में
भाग्य
स्वयं
दस्तक
देता
है
यानि
कर्म
कम
करेगा
और
फल
ज्यादा
प्राप्त
होगा।
9-यदि
भाग्य
रेखा
मस्तिष्क
रेखा
पर
ही
रूक
जाये
तो
वह
व्यक्ति
अपनी
गलतियों
के
कारण
नुकसान
उठाता
है।
ऐसे
लोगों
का
सबसे
बड़ा
शत्रु
उनका
अपना
दिमाग
होता
है।
इसलिए
सोंच-समझकर
ही
निर्णय
लेना
उचित
रहता
है।
10-यदि
आपकी
भाग्य
रेखा
काफी
मोटी
है
तो
आप
किसी
को
भी
ज्यादा
धन
उधार
न
दें
अन्यथा
आपके
द्वारा
दिया
गया
धन
वापस
नहीं
मिलने
वाला
है
और
उपर
से
सम्बन्ध
भी
खराब
हो
सकते
है।