How Many District in Rajasthan 2023 in Hindi: राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली अशोक गहलोत सरकार ने चुनावी साल 2023 में 17 मार्च को एक साथ 19 नए जिले और 3 संभाग बनाए जाने की घोषणा की है। Rajasthan New Districts List Name की घोषणा के साथ ही अब राजस्थान में जिलों की कुल संख्या 33 से बढ़कर 50 हो गई है। Rajasthan New Division 3 के बाद कुल संभाग 7 से बढ़कर 10 हो गए हैं। नए संभाग में कौन-कौनसे जिले शामिल किए जाएंगे। इसकी घोषणा बाद में की जाएगी। राजस्थान में साल 2008 के बाद यह पहला मौका जब एक साथ 19 जिले बने हैं। 1. प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होगी राजस्थान के 19 नए जिलों के तमाम सरकारी कार्यालयों में अब कलेक्टर समेत जिला स्तरीय अधिकारी बैठेंगे। ऐसे में न केवल सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग प्रभावी होगी बल्कि जनता को भी जिला स्तरीय कामकाज के लिए पहले की तुलना में जिला मुख्यालय के लिए कई किलोमीटर की कम तय करनी पड़ेगी। मसलन बालोतरा के लोगों को अब जिला मुख्यालय बाड़मेर के लिए 98 किलोमीटर और नीमकाथाना के लोगों को सीकर के लिए 84 किलोमीटर का सफर तय नहीं करना होगा। 2. कानून व शांति व्यवस्था सुधरेगी राजस्थान में 19 नए जिलों में नए पुलिस अधीक्षक होंगे। अन्य पुलिस अफसरों की संख्या भी बढ़ेगी। कोई भी पुराना जिला दो हिस्सों में बंटकर एक नए जिला बनने से क्षेत्र छोटा हो जाएगा। ऐसे में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखना भी पहले से आसान होगा। नए जिलों में नए पुलिस थाने व चौकियां भी खुलनी तय हैं। ऐसे में आम जनता की पुलिस तक पहुंच आसान होगी। 3. न्यायिक व्यवस्था बेहतर होगी राजस्थान में 19 नए जिलों में जिला स्तर के न्यायलय खुलेंगे। ऐसे में न्यायिक व्यवस्था बेहतर होने का फायदा भी आम जनता को सीधे तौर मिलेगा। वकीलों की भी संख्या बढ़ेंगी। 4. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे नए जिला बनने से वहां पर उपखंड या तहसील स्तर के कार्यालयों के अलावा पूरा जिला स्तर का आधारभूत ढांचा तैयार किया जाएगा। नए भवन बनाए जाएंगे। ऐसे में स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय के साधन भी बढ़ना तय हैं। 5. संपत्ति के भाव बढ़ेंगे राजस्थान में 19 नए जिले बनने से फायदा ही फायदा है। खासकर उन लोगों को भी जिनके पास अचल संपत्ति है। जमीनों के भाव बढ़ेंगे। पहले उपखंड या तहसील स्तर की जमीन अब जिला स्तर की होगी। भावों के अलावा मकानों का किराया भी बढ़ेगा। साल 2000 से 2002 तक राजस्थान मुख्य सचिव रहे आईएएस इंदरजीत खन्ना (रिटायर) ने वन इंडिया हिंदी से बातचीत में कहा कि राजस्थान सरकार ने 19 नए जिले व 3 संभाग बनाए हैं। मैंने तो उस जमाने में भी काम किया है जब राजस्थान में महज 26 ही जिले हुआ करते थे। उस जमाने में तो संभागीय आयुक्त तक नहीं होते थे। इसमें कोई शक नहीं है कि अब नए जिले बनने से आम जनता को काफी फायदा होगा। जिला स्तर के अधिकारियों तक अपनी समस्या पहुंचाने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। सरकार पर अतिरिक्त भार आएगा सो अलग, मगर जनता की सुविधा ज्यादे मायने रखती है। वैसे एक साथ 19 नए जिले बनाने की बजाय एक-दो बड़ी बड़ी जगहों को ही जिला बनाया जाना चाहिए था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 17 मार्च 2023 को राजस्थान विधानसभा में 19 नए जिले बनाए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि राजस्थान में हमें कुछ नए जिलों के गठन की मांगें मिलीं। हमने इन प्रस्तावों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था और हमें अंतिम रिपोर्ट मिल गई है। रिपोर्ट के आधार पर 19 नए जिले बना रहे हैं। राजस्थान में 19 नए जिले बनने के बाद पुराने 33 जिलों को मिलाकर कुल जिलों की संख्या यूं तो 52 होनी चाहिए, मगर यह 50 ही रहेगी। इसका गणित ये है कि जयपुर को उत्तर व दक्षिण व जोधपुर को पूर्व व पश्चिम नाम से नए जिलों में बांटा गया है। देखने में तो ये चार नए जिले लग रहे हैं, मगर जयपुर व जोधपुर पहले से ही पुराने जिले भी तो हैं। चार नए जिले बनने के साथ ही दो पुराने जिले खत्म भी तो हो गए। इसलिए 19 नए जिलों की घोषणा के बावजूद राजस्थान के कुल जिलों की संख्या 33 से बढ़कर 50 ही होगा। 52 नहीं होगी। किसी भी राज्य में नए जिले में बनाने का फायदा उस समय सरकार चला रहे दल को होता है। राजनीति के जानकार दिसम्बर में होने वाले राजस्थान विधानसभा 2023 को देखते हुए 19 नए जिलों की घोषणा को अशोक गहलोत सरकार का सियासी दांव भी मान रहे हैं। राजस्थान में अभी विधानसभा की 200 और लोकसभा की 25 सीटें हैं। 19 जिले बनने के बाद इन सीटों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि विधानसभा व लोकसभा की सीटें क्षेत्रफल की बजाय आबादी के आधार पर बनती हैं। जैसे मौजदूा समय में जैसलमेर व बाड़मेर अलग अलग जिले होने के बावजूद इनकी संसदीय सीट एक ही है। 1 नवंबर 1956 को अपने वर्तमान स्वरूप में आए राजस्थान में उस समय कुल 26 जिले थे। तब 26वां जिला अजमेर बना था। इसके बाद 67 साल में यह पहला मौका है जब एक साथ 19 नए जिले बनाए गए हैं। हालांकि इस अवधि में समय-समय पर 7 नए जिले बने थे। 33वां जिला प्रतापगढ़ 26 जनवरी 2008 को भाजपा की वसुंधरा राजे के कार्यकाल में बना था। 1947 में भारत आजाद होने के बाद सात चरणों में रियासतों का एकीकरण करके 1 नवंबर 1956 को वर्तमान स्वरूप वाला राजस्थान प्रदेश बनाया गया, जिसमें कुल 26 जिले हुआ करते थे। फिर समय समय पर सात नए जिलों का गठन हुआ। 27वां जिला धौलपुर: 15 अप्रैल 1982 को तत्कालीन शिवचरण माथुर सरकार ने भरतपूर से अलग करके धौलपुर को राजस्थान का 27वां नया जिला बनाया। राजस्थान के नए जिले साल 2023 1 अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर) 1. जयपुर 2. अलवर 3. कोटा 4. दौसा 5. जोधपुर 6. सीकर 7. पाली 8. बाड़मेर 9. झुंझुनूं 10. करौली 11. अजमेर 12.जैसलमेर 13. भीलवाड़ा 14. बीकानेर 15. बारां 16. बूंदी 17. भरतपुर 18. नागौर 19. झालावाड़ 20. गंगानगर 21. सिरोही 22. सवाई माधोपुर 23. चूरू 24. उदयपुर 25. बांसवाड़ा 26. टोंक 27. जालौर 28. प्रतापगढ़ 29. डूंगरपुर 30. चित्तौड़गढ़ 31. राजसमंद 32. हनुमानगढ़ 33. धौलपुर राजस्थान के नए संभाग साल 2023 बांसवाड़ा राजस्थान के पुराने संभाग 1. जयपुर जयपुर, दोसा, सीकर, अलवर, झुंझुनूराजस्थान में नए जिलों में क्या-क्या बदलेगा? (new districts benefits rajasthan)
क्या कहते हैं पूर्व मुख्य सचिव इंदरजीत खन्ना?
राजस्थान में नए जिले 17 बने हैं या 19?
नए जिले बनने से सियासी तस्वीर कितनी बदलेगी?
67 साल पहले 26 जिलों से बना था राजस्थान
राजस्थान में कब-कब बने नए जिले?
28, 29, 30वां जिला बारां, दौसा व राजसमंद: 10 अप्रैल 1991 को तत्कालीन भैरोंसिह सरकार ने कोटा जिले से अलग करके बारां को 28वां, जयपुर जिले से अलग करके दौसा को 29वां और उदयपुर से अलग करके राजसमंद को 30वां नया जिला बनाया।
31वां जिला हनुमानगढ: 12 जुलाई 1994 को तत्कालीन भैरोंसिंह सरकार ने श्री गंगानगर जिले से अलग करके हनुमानगढ़ को राजस्थान का 31वां नया जिला बनाया।
32वां जिला करौली: 19 जुलाई 1997 को तत्कालीन भैरोंसिह सरकार ने सवाई माधोपुर जिले से अलग करके करौली को राजस्थान का 32वां नया जिला बनाया।
33वां जिला प्रतापगढ़: 19 जिलों की घोषणा से पहले प्रतापगढ़ राजस्थान का सबसे नवगठित जिला था। 26 जनवरी 2008 को वसुंधरा राजे सरकार ने बांसवाड़ा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ जिलों को तोड़कर प्रतापगढ़ को राजस्थान का 33वां जिला बनाया।राजस्थान के कुल जिलों व संभाग की सूची
2 बालोतरा (बाड़मेर)
3 ब्यावर (अजमेर)
4 डीग (भरतपुर)
5 डीडवाना-कुचामनसिटी (नागौर)
6 दूदू (जयपुर)
7 गंगापुर सिटी (सवाईमाधोपुर)
8 जयपुर-उत्तर
9 जयपुर-दक्षिण
10 जोधपुर पूर्व
11 जोधपुर पश्चिम
12 केकड़ी (अजमेर)
13 कोटपूतली-बहरोड़ (जयपुर)
14 खैरथल (अलवर)
15 नीम का थाना (सीकर)
16 फलौदी (जोधपुर)
17 सलूंबर (उदयपुर)
18 सांचौर (जालोर)
19 शाहपुरा (भीलवाड़ा) राजस्थान के पुराने जिले
पाली
सीकर
2. भरतपुर भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर
3. बीकानेर बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू
4. कोटा कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़
5. अजमेर अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर
6. जोधपुर जोधपुर ,बाड़मेर, सिरोही जैसलमेर पाली
7. उदयपुर उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, राजसमंद, चित्तौड़गढ़
Rajasthan New Districts: राजस्थान में 19 जिले बनाने से क्या फायदा, कौनसी व्यवस्थाएं बदलेंगीं?
Rajasthan New District Name List 2023: साल 1956 में 26 जिलों वाले राजस्थान में साल 2023 तक 50 जिले होने की पूरी कहानी। चुनावी साल में नए 19 जिले व 3 संभाग बनने से किसको क्या फायदा होने वाला है?
How Many District in Rajasthan 2023 in Hindi: राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली अशोक गहलोत सरकार ने चुनावी साल 2023 में 17 मार्च को एक साथ 19 नए जिले और 3 संभाग बनाए जाने की घोषणा की है। Rajasthan New Districts List Name की घोषणा के साथ ही अब राजस्थान में जिलों की कुल संख्या 33 से बढ़कर 50 हो गई है। Rajasthan New Division 3 के बाद कुल संभाग 7 से बढ़कर 10 हो गए हैं। नए संभाग में कौन-कौनसे जिले शामिल किए जाएंगे। इसकी घोषणा बाद में की जाएगी। राजस्थान में साल 2008 के बाद यह पहला मौका जब एक साथ 19 जिले बने हैं।Advertisement
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English Summary
19 new districts in Rajasthan Know What arrangements will change in state