Sarbananda Sonowal's Biography- जानिए कौन हैं सर्बानंद सोनोवाल?
[Biography] असम की राजनीति में पहली बार भारतीय जनता पार्टी अपनी दस्तक देने जा रही है। असम की राजनीति में सर्बदानंद सोनोवाल ऐसा चेहरा बनकर उभरे हैं जो प्रदेश की कमान संभालने जा रहे हैं। सर्बानंद सोनोवाल मौजूदा समय में वह केंद्रीय खेल राज्य मंत्री हैं।
असम के युवा नेता के तौर पर जाने जाते हैं सोनोवाल
सोनोवाल का जन्म डिब्रूगढ़ में 1962 में हुआ था, मौजूदा समय में वह असम के लखीमपुर सीट से लोकसभा सांसद हैं। इससे पहले वह असम भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। सोनोवाल को असम के युवा नेता के तौर प जाना जाता है। उन्हें असम का जातीय नायक भी कहा जाता है। भाजपा ने असम चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है।
कई अहम जिम्मेदारियां संभाली
सोनोवाल 2001 में असम के मोरन से पहली बार विधायक बने और 2004 में लोकसभा चुनाव में वह डिब्रूगढ़ से चुनाव जीता। 2005 में उन्हें गृह मंत्रालय की सुझाव कमेटी का सदस्य भी बनाया गया इसके अलावा कई अहम कमेटियों में उन्होंने अपनी अहम भूमिका निभायी।
सर्बानंद सोनोवाल
भाजपा के अंदर 2011 में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिली और नेशनल एग्जेक्युटिव का सदस्य बनाया गया जिसके बाद असम भाजपा का जनरल सेक्रेटरी और प्रवक्ता बनाया गया। वर्ष 2012 में सोनोवाल को असम भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें खेल मंत्रालय का जिम्मा दिया गया।
अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ उठायी आवाज
असम में बांग्लादेश के नागरियों की अवैध स्थानांतरण हमेशा से ही बड़ी समस्या रहा है। बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में आने से रोकने के लिए इल्लीगल माइग्रैंड्स डिटर्मिनेशन बाई ट्राइब्युनल एक्ट 1983 अस्तित्व में आया है। यह एक्ट भारत सरकार और ऑल स्टु़डेंट यूनियन के बीच हुआ था।
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इस एक्ट के खिलाफ लंबे समय से एंटि फॉरेन आंदोलन का चल रहा था। इस एक्ट के अनुसार असम में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को असम में रहने की अनुमति दी गयी थी। यह कानून उन विदेशी नागरिकों पर लागू होता है जो 25 मार्च 1971 के बाद असम में बसे थे।
सोनोवाल ने अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ले गये और कोर्ट ने इस एक्ट को खत्मम करने का आदेश दिया। कोर्ट ने इस कानून को गलत ठहराया और बांग्लादेशी नागरिकों को असंवैधानिक करार दिया।