पिथौरागढ़ जिले के संचार विहीन गांवों में पांच सौ दिनों में लगेंगे ढाई सौ टावर
पिथौरागढ़ : फोर जी सेचुरेशन प्रोजेक्ट के तहत बीएसएनएल पिथौरागढ जिले में संचार सेवाओं बेहतर करेगा। जिसके तहत नेटवर्क से विचत क्षेत्र और गांवों 250 टावर लगाए जाएंगे। टावर लगाने का कार्य पांच सौ दिनों में पूरा होगा। यह जान
पिथौरागढ़ : फोर जी सेचुरेशन प्रोजेक्ट के तहत बीएसएनएल पिथौरागढ जिले में संचार सेवाओं बेहतर करेगा। जिसके तहत नेटवर्क से विचत क्षेत्र और गांवों 250 टावर लगाए जाएंगे। टावर लगाने का कार्य पांच सौ दिनों में पूरा होगा। यह जानकारी बीएसएनएल के डिविजनल अभियंता हिमांशु ने कलक्ट्रेट कक्ष में सांसद अजय टम्टा की अध्यक्षता में संचारविहीन क्षेत्रों, गांवों को संचार से जोडऩे को लेकर हुई बैठक में सांसद अजय टम्टा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट कक्ष में जिले के संचार व्यवस्था से वंचित क्षेत्रों को संचार सेवा से जल्द जोडऩे के संबंध में आयोजित बैठक हुई । बैठक में संचारविहीन क्षेत्रों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। शीघ्र सीमांत के संचार विहीन क्षेत्रों को नेटवर्क से जोडऩे को प्राथमिकता बताया गया।
बैठक में मौजूद बीएसएनएल के डिविजनल मैनेजर हिमांशु ने बताया कि 250 टावर स्थापना के लिए सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। प्रथम फेज में 250 में से 70 टावर लगाए जाने हैं। इन 70 टावरों की स्थापना के लिए 30 अक्टूबर तक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। भूमि अधिग्रहण होते ही तेजी से टावर स्थापित किए जाएंगे।
जिओ कंपनी के नोडल अधिकारी रवींद्र डागर ने बताया कि यूओएसएफ योजना के तहत जिओ कंपनी द्वारा जिले में 32 मोबाइल टावर स्थापित किए जा रहे हैं। टावर लगाने का कार्य जारी है। 19 टावर स्थापित कर दिए गए हैं। तीन टावर आगामी नवंबर माह में स्थापित कर दिए जाएंगे। शेष दस टावरों की स्थापना का कार्य आगामी वर्ष 2023 के मार्च माह में पूरा हो जाएगा।
इस मौके पर जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने बीएसएनएल और जिओ कंपनी के अधिकारियों को टावर स्थापना कार्य गंभीरता के साथ निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में विधायक डीडीहाट विशन सिंह चुफाल, फकीर राम टम्टा सहित यूएसएफओ, बीएसएनएल और जिओ कंपनी के अधिकारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि जिले मेें सीमांत व सुदूरवर्ती 152 के आसपास गांव अभी भी नेटवर्क से नहीं जुड़े हैं। जिसमें अधिकांश गांव चीन और नेपाल सीमा से लगे गांव हैं। इन गांवों को नेटवर्क से जोडऩे के लिए बीएसएनएल और जिओ कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी है।