30 हजार रु. तक की नौकरियों में हरियाणा के युवाओं को 75% आरक्षण, सरकार ने 50 हजार का स्लैब बदला
चंडीगढ़। हरियाणा में निजी सेक्टर में प्रदेश के युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण के कानून में लागू होने से पहले ही बदलाव किया गया है। अब 50 हजार की जगह 30 हजार रुपये तक की निजी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। उद्योगपतियों से सुझावों के बाद कानून में यह बदलाव किया गया है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि निजी कंपनियां 30 हजार रुपये तक की नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण देने को तैयार हैं। उनसे सहमति बनने के बाद 15 अक्तूबर से आरक्षण कानून लागू कर दिया गया। कंपनियां 15 जनवरी तक अपने कर्मचारियों का पंजीकरण कर सरकार को श्रम विभाग के पोर्टल बताएंगी कि उनके यहां कितने पद खाली हैं और वे अपने यहां कितने युवाओं को नौकरी दे सकती हैं।
बकौल दुष्यंत, यह हरियाणा के इतिहास में क्रांतिकारी कदम है। जिसे लागू करने का कदम वर्तमान भाजपा-जजपा सरकार ने उठाया है। यह जजपा का चुनावी वायदा भी था। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के कुशल, अर्धकुशल व अकुशल युवाओं को अपने ही प्रदेश में अच्छा रोजगार मिलेगा।
हरियाणा में नवनियुक्त सरकारी जेई को शुरुआत में 34 हजार रुपये मिलते हैं, इसलिए निजी नौकरियों में 30 हजार रुपये का स्लैब तय किया है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने सरकार से वार्ता के समय 20-25 हजार की नौकरियों में ही कानून लागू करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उन्होंने 30 हजार पर उद्यमियों को मना लिया है। कानून की तमाम पेचीदगियां दूर कर दी गई हैं। उद्योगपतियों को किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
मालूम हो कि मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव, कार्यकारी निदेशक राजीव गांधी, एस्कोटर्स के चेयरमैन निखिल नंदा, जेबीएम ग्रुप के निशांत आर्य और मिंडा ग्रुप के निर्मल मिंडा समेत 12 बड़े उद्योगपतियों ने सरकार के सामने अपनी बात रखी थी। जिसमें कानून के नुकसान बताए थे। उपमुख्यमंत्री ने कंपनियों को आश्वस्त किया है कि हमारा मकसद युवाओं को रोजगार देने के साथ ही उद्यमियों की सुविधा का भी ख्याल रखना है।
युवाओं
को
75
फीसदी
आरक्षण
के
मुख्य
बिंदु
हरियाणा
के
मूल
निवासी
को
ही
योजना
का
लाभ
मिलेगा
उद्योग
एवं
वाणिज्य
विभाग
के
उपनिदेशक
स्तर
के
अधिकारी
इसकी
निगरानी
करेंगे।
ईंट-भट्ठों
पर
यह
नियम
लागू
नहीं
होगा,
वहां
उड़ीसा
व
झारखंड
के
श्रमिक
काम
करेंगे,
इस
तरह
के
श्रमिक
हरियाणा
में
उपलब्ध
नहीं
हैं।
निर्माण
क्षेत्र
के
कार्यों
में
पश्चिमी
बंगाल
के
कामगारों
को
प्राथमिकता
रहेगी।
इसमें
उन्हें
महारत
हासिल
है
आईटीआई
पास
युवाओं
को
रोजगार
में
प्राथमिकता
मिलेगी।
हरियाणा
में
फिलहाल
60
हजार
पंजीकृत
निजी
उद्योग
हैं।
वास्तव
में
इनकी
संख्या
बहुत
ज्यादा
है,
जिनका
पंजीकरण
चल
रहा
है।
हरियाणा
कर्मचारी
चयन
आयोग
से
भी
कुशल
कर्मचारियों
के
बारे
में
जानकारी
हासिल
की
जाएगी
जानकारी
छुपाने
पर
ये
होगी
कार्रवाई
अगर
कोई
कंपनी,
फैक्टरी,
संस्थान,
ट्रस्ट
अपने
कर्मचारियों
की
जानकारी
छुपाएगा
तो
उस
पर
जुर्माने
का
प्रावधान
है।
निजी
सेक्टर
में
कार्यरत
किसी
भी
कर्मचारी
को
हटाया
नहीं
जाएगा।
30
हजार
रुपये
तक
की
नौकरी
वाले
हर
कर्मचारी
को
श्रम
विभाग
की
वेबसाइट
पर
अपने
नाम
का
पंजीकरण
कराना
होगा।
यह
निशुल्क
है।
इसकी
जिम्मेदारी
संबंधित
कंपनी,
फर्म
अथवा
रोजगार
प्रदाता
की
होगी।
जो
कंपनी
अपने
कर्मचारी
की
सूचना
पंजीकृत
नहीं
करवाएगी
उसे
हरियाणा
स्टेट
एम्प्लॉयमेंट
टू
लोकल
केंडिडेट्स
एक्ट-2020
के
सेक्शन-3
के
तहत
25
हजार
से
एक
लाख
रुपये
तक
जुर्माना
किया
जा
सकेगा।
अगर
फिर
भी
कंपनी
कानून
का
उल्लंघन
करती
है
तो
उसे
हर
रोज
पांच
हजार
रुपये
का
जुर्माना
लगेगा।
ये
रहेगा
कानून
का
प्रारूप
हरियाणा
स्टेट
एम्प्लॉयमेंट
टू
लोकल
केंडिडेट्स
एक्ट-2020
प्रदेश
के
सभी
निजी
उद्योगों,
फर्म
अथवा
हर
उस
रोजगार
प्रदाता
पर
लागू
होगा,
जहां
10
से
अधिक
कर्मचारी
कार्यरत
हैं।
यह
नियम
पहले
से
कार्यरत
कर्मचारियों
पर
लागू
न
होकर
नई
भर्तियों
पर
लागू
होगा।
कानून
में
ऐसे
मिल
सकती
है
छूट
निजी
क्षेत्र
के
रोजगार
प्रदाता
को
प्रदेश
में
निपुण
अथवा
योग्य
कर्मचारी
की
उपलब्धता
न
होने
पर
इसकी
सूचना
श्रम
विभाग
को
देनी
होगी।
श्रम
विभाग
संबंधित
फर्म
को
कर्मचारियों
को
सक्षम
बनाने
या
अन्य
राज्य
के
युवाओं
को
नौकरी
देने
के
लिए
अनुमति
देगा।
दशहरे
से
यह
कानून
लागू
हो
गया
है।
एक
दिन
पहले
14
अक्तूबर
की
शाम
को
ही
मैंने
फाइल
एप्रूव
कर
दी
है,
मुख्य
सचिव
ने
भी
हस्ताक्षर
कर
दिए
हैं।
आचार
संहिता
के
कारण
फाइल
चुनाव
आयोग
के
पास
भेजी
गई
है।
चूंकि
तकनीकी
जॉब
सरकारी
सिस्टम
में
जेई
से
नीचे
नहीं
मानते
हैं।
इसलिए
हमने
30
हजार
रुपये
तय
किया
है।
जेई
को
हरियाणा
सरकार
में
34
हजार
ग्रेड
दिया
जाता
है।
-
दुष्यंत
चौटाला,
उपमुख्यमंत्री,
हरियाणा