जमशेदपुर की 86 बस्तियों के मालिकाना के मामले में सरकार जल्द उठायेगी कदम, 20 वर्षों से 52 मामले हैं लंबित
रांची,14 अक्टूबर- झारखंड विधानसभा की अनुशासन समिति के चेयरमैन दीपक बिरुवा ने गुरुवार को परिसदन में कहा कि शहर की 86 बस्तियों के मालिकाना के मामले में सरकार जल्द कदम उठायेगी. यह मामला वर्षों से लंबित है, विभागीय समीक्षा
रांची,14 अक्टूबर- झारखंड विधानसभा की अनुशासन समिति के चेयरमैन दीपक बिरुवा ने गुरुवार को परिसदन में कहा कि शहर की 86 बस्तियों के मालिकाना के मामले में सरकार जल्द कदम उठायेगी. यह मामला वर्षों से लंबित है, विभागीय समीक्षा के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि साल 2006 में सरयू राय ने, 2007 में रघुवर दास ने, 2011 में दो बार रघुवर दास ने और 2010 में बन्ना गुप्ता ने यह मामला सदन में उठाया था.
मात्र तीन आवेदन स्वीकृत हुए. 10 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं. इससे पहले समिति के सामने धालभूमगढ़ के छेड़िया एवं बदिया गांव के बीच सुवर्णरेखा नदी के पंपूघाट पर पुल बनाने को लेकर चल रही प्रक्रिया की जानकारी ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता आरके मुरारी नहीं दे सके. घाटशिला विधायक रामदास सोरेन व चेयरमैन दीपक बिरूवा ने इस पर नाराजगी जाहिर की. समिति के चेयरमैन ने लंबित 20 मामलों की समीक्षा की. 20 साल में 52 मामले लंबित हैं.
विधानसभा
की
अनुशासन
समिति
का
दौरा
रद्द,
चेयरमैन
लौटे
विधानसभा
की
आश्वासन
समिति
का
दौरा
पूर्वी
सिंहभूम
जिला
की
बैठक
के
बाद
रद्द
कर
दिया
गया.
विधायक
दीपक
बिरूवा
ने
बताया
कि
राज्य
में
आपकी
योजना,
आपकी
सरकार
आपके
द्वार,
कार्यक्रम
चल
रहा
है.
समिति
के
सदस्य
जिला
में
नहीं
हैं.
जमशेदपुर
के
बाद
हजारीबाग,
रामगढ़,
खूंटी
का
दौरा
प्रस्तावित
था.
समिति
पूर्वी
सिंहभूम
से
पहले
सरायकेला
खरसावां
व
पश्चिम
सिंहभूम
का
दौरा
कर
चुकी
है.
विधायक
अंबा
प्रसाद,
बैजनाथ
राम,
लंबोदर
महतो
व
नारायण
दास
समिति
के
सदस्य
हैं.
डीसी
विजया
जाधव
भी
समिति
की
बैठक
में
शामिल
नहीं
हुई
थीं.
समीक्षा
बैठक
के
बाद
वह
परिसदन
पहुंचीं
और
चेयरमैन
दीपक
बिरुवा
से
शिष्टाचार
मुलाकात
की.
नक्सली
हिंसा
में
मारे
गये
तीन
ग्रामीणों
के
परिजनों
को
मिलेगा
मुआवजा
व
नौकरी
अनुशासन
समिति
के
चेयरमैन
दीपक
बिरुवा
ने
बताया
कि
गुड़ाबांधा
प्रखंड
के
बुड़ा
पहाड़
में
2010
में
नक्सली
हिंसा
में
मारे
गये
कान्हू
कालुडिंया,
सूना
समड़,
गोंडेराम
कालुडिंया
के
आश्रितों
को
मुआवजा
व
नौकरी
जल्द
मिलेगी.
इनके
मामले
में
प्राथमिकी
दर्ज
नहीं
होने
के
कारण
मुआवजा
व
नौकरी
नहीं
मिल
सकी
है.
घाटशिला
विधायक
रामदास
सोरेन
ने
आश्वासन
समिति
को
बताया
कि
घटना
के
बाद
परिजनों
को
नक्सलियों
से
धमकी
मिल
रही
है.
इसकी
जानकारी
पुलिस
को
दी
गयी
है.
पुलिस
धमकी
को
प्राथमिकी
दर्ज
करने
का
आधार
मान
लें.
चेयरमैन
ने
एसएसपी
को
इस
मामले
में
उचित
कदम
उठाने
का
निर्देश
दिया
है.