तेलंगाना: भाजपा में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे कई वरिष्ठ नेता
बैठक में वे पार्टी में अपनी स्थिति पर चर्चा करेंगे और साथ ही अगले कदम को लेकर भी फैसला हो सकता है।
हैदराबादः अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व विधायकों सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता अपनी आवाज ना सुने जाने के कारण पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से लगातार निराश हो रहे हैं। ये नेता पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और दावा करते हैं कि नेतृत्व के साथ उनकी शिकायत करने के उनके प्रयासों का कोई परिणाम नहीं निकला।
अपनी हताशा में इन नेताओं ने, जिनमें से कुछ दशकों से पार्टी के साथ हैं, फरवरी के पहले सप्ताह में एक बैठक आयोजित करने का फैसला किया है। बैठक में वे पार्टी में अपनी स्थिति पर चर्चा करेंगे और साथ ही अगले कदम को लेकर भी फैसला हो सकता है। इन नेताओं का कहना है कि उन्होंने कई बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की कोशिश की है ताकि पार्टी के सामने आने वाले मुद्दों और उसके मूल कैडर के बीच उसकी विश्वसनीयता पर चर्चा हो सके। लेकिन, नेताओं का कहना है कि उनकी आवाज नहीं सुनी गई।
इन नेताओं यह भी दावा है कि राज्य नेतृत्व ने उनके इनपुट या सुझावों पर विचार नहीं किया है, और उन्हें पिछले तीन वर्षों में राज्य मुख्यालय की बैठकों में आमंत्रित नहीं किया गया है। इनमें से कुछ नेताओं, जिनमें पूर्व विधायक भी शामिल हैं, ने इन सबको लेकर अपना दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वे अपनी कार्ययोजना पर चर्चा करने के लिए राज्य भर के 600 सक्रिय नेताओं के साथ करीमनगर या हैदराबाद में एक बैठक करना चाहते हैं।