पंजाब: मान सरकार का फैसला, नरमे कपास की खेती को नहीं मिलेगा मुआवजा
गैर प्रमाणित नरमे कपास के बीजों से खेती करने वाले किसानों को अब फसल खराब होने की सूरत में मुआवजा नहीं मिलेगा। पंजाब सरकार ने ऐसा निर्णय लिया है।
जालंधर: गैर प्रमाणित नरमे कपास के बीजों से खेती करने वाले किसानों को अब फसल खराब होने की सूरत में मुआवजा नहीं मिलेगा। पंजाब सरकार ने ऐसा निर्णय लिया है। मुआवजे पर विचार अब सिर्फ उन्हीं खराब फसलों पर होगा जिस फसल के बीजों को केंद्रीय बीज प्रमाणीकरण अथवा पंजाब सरकार द्वारा अनुमोदित किया होगा। सरकार यह नीति अन्य फसलों के बीजों को लेकर भी लागू करने जा रही है।
पंजाब में नकदी फसल के रूप में जानी जाती नरमे कपास की फसल को धान का बेहतर विकल्प माना जाता है परंतु निम्नस्तरीय बीजों की बिक्री के चलते इस फसल के क्षेत्र और उत्पादन में लगातार गिरावट आई है। वर्ष 1988-89 में नरमे कपास की फसल का राज्य में क्षेत्र करीब 19 लाख एकड़ था और उत्पादन 21.18 लाख गांठें (एक गांठ में 170 किलो कपास) था जो वर्ष 2022 तक आते-आते करीब सवा 6 लाख एकड़ क्षेत्र में सिमट गया और उत्पादन 4 लाख गांठों से कुछ अधिक रह गया। फसल के उत्पादन में गिरावट भी लगातार दर्ज की गई जिसका कारण गैर-प्रमाणित बीजों की बिक्री था जिसके चलते नरमे कपास की फसल पर कीटों का हमला और फसल की बर्बादी के रूप में प्रकट हुआ। गुजरे वर्ष भी करीब 33 हजार एकड़ क्षेत्र में नरमे कपास की फसल 100 प्रतिशत कीटों के हमले से नष्ट हो गई थी, जबकि बारिश से फसल का नुक्सान अलग से था। सफेद मक्खी, गुलाबी सुंडी, मिलीबग जैसे कीटों ने फसल का नुक्सान किया था।
कृषि विभाग ने इसके लिए गुजरात से आते गैर-प्रमाणित बीजों को जिम्मेदार बताया था। बर्बाद हुई फसल का मुआवजा लेने के लिए किसानों ने आंदोलन भी किए और सरकार को मुआवजा भी देना पड़ा। इसके चलते सरकार ने अब इस नीति को बदलने का निर्णय लिया है।कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल के मुताबिक जो किसान गैर-प्रमाणित नरमे-कपास के बीजों से खेती करेंगे और ऐसे में अगर फसल पर कोई कीटों का हमला होता है तो उन्हें बदले में सरकार की तरफ से कोई मुआवजा नहीं मिलेगा।
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मंत्री ने यह भी बताया कि चालू वर्ष के दौरान उन्होंने राज्य में 10 कीटनाशक कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया है और इन कंपनियों के उत्पाद बंद करने के लिए केंद्र सरकार को लिखा है और कुछ बीज उत्पादन फर्मों को बंद करवाया है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी हालत में निम्नस्तरीय बीज अथवा कीटनाशक बेचने वाली कंपनियों को पंजाब में काम नहीं करने दिया जाएगा।