नरोत्तम मिश्रा- वेब सीरीज या फिल्म में हमारी भावनाओं से ही खिलवाड़ क्यों?
देश के सबसे बड़े न्यूज चैनल नेटवर्क NEWS 18 के महामंच राइजिंग मध्य प्रदेश में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा वर्चुअली रूप से जुड़े. उन्होंने प्रदेश की सियासत, अपराधियों पर बुलडोजर की कार्रवाई और कांग्रेस की राजनीति जैसे कई मुद
भोपाल,08 अगस्त- देश के सबसे बड़े न्यूज चैनल नेटवर्क NEWS 18 के महामंच राइजिंग मध्य प्रदेश में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा वर्चुअली रूप से जुड़े. उन्होंने प्रदेश की सियासत, अपराधियों पर बुलडोजर की कार्रवाई और कांग्रेस की राजनीति जैसे कई मुद्दों पर पूछे गए सवालों के जवाब बेबाक अंदाज में दिए. लव जिहाद के खिलाफ कानून, पत्थरबाजों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई पर मिश्रा ने कहा कि हमारी मान्यता ये है कि सरकार है तो कानून का राज होना चाहिए. कानून अगर है तो दिखना भी चाहिए. सरकार का काम है कानून का पालन करवाना. वर्तमान दौर सीसीटीवी फुटेज का है. वर्तमान में सीसीटीवी पर अपराधी दिखते हैं. सरकार कर्तव्य का पालन करवाती है तो तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों को तकलीफ होती है. तुष्टिकरण की राजनीति देश में बंद होना चाहिए.
शिवराज सरकार के 'संकटमोचक' कहे जाने पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ' हमारी सरकार पर संकट आता ही नहीं है, इसलिए मोचक की जरूरत ही नहीं. शिवराज सिंह की सरकार है, इस पर कोई संकट नहीं आता. जब धर्मात्मा राज्य करते हैं तो परमात्म मदद करते हैं. दरअसल, कमलनाथ ने हमारे दो विधायकों की क्रॉस वोटिंग करवा दी थी. हमने कहा था कि यह परंपरा ठीक नही है. हमने कहा था कि खेल अगर आपने शुरू किया है तो खत्म हम करेंगे. बाद में खेल खत्म भी हुआ. हमारा तो साफ कहना है कि हमें छेड़ेंगे तो हम छोड़ेंगे नहीं.'
फिल्म और वेब सीरीज में हिंदू धर्म के खिलाफ बात होने पर मध्य प्रदेश में कार्रवाई होने के सवाल गृह मंत्री मिश्रा ने कहा, 'मेरा सिर्फ यही कहना है कि चाहे वह वेब सीरीज हो, या कोई फिल्म हो, हमारी हिंदू धर्म की भावनाओं से खिलवाड़ क्यों करती है. अगर कोई फिल्म मेकर्स हिम्मत वाला है और मर्दानगी दिखाना चाहता है कि तो किसी दूसरे वर्ग के धर्म पर भी फिल्म बनाकर दिखाएं. हिंदू धर्म को सॉफ्ट टार्गेट बना लिया गया है. ऐसा क्यों? हमारा ही धर्म क्यों? हर बार लगातार ऐसा क्यों किया जा रहा है? हमारी खामोशी को कमजोरी ना माना जाए. विराटता और विशालता को कमजोरी नहीं माना जाना चाहिए.'