सियासी हलचल के बीच दिल्ली पहुंचे हेमंत सोरेन
jharkhand news
रांची,16 सितंबरः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार शाम दिल्ली पहुंच गए। उनकी दिल्ली यात्रा को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पार्टी सांसदों और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात कर सकते हैं। इस चर्चा को बल भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट से मिला।
दरअसल, सीएम के दिल्ली दौरे पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया कि झारखंड में सरकार ने 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ा वर्ग को देने की घोषणा की जो अधिकार पिछड़ों का है। लेकिन, झारखंड बनने के बाद रमेश बैस के तौर पर राज्य को पिछड़े वर्ग के पहले राज्यपाल मिले हैं। इनको हटाने की मुहिम में राष्ट्रपति से मिलना, क्या कथनी व करनी में फर्क नहीं है।
हालांकि, झामुमो की तरफ से आधिकारिक तौर पर इसे निजी दौरा बताया जा रहा है। यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री शुक्रवार को रांची लौट आएंगे। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री दिल्ली में राज्यपाल के फैसले के इंतजार के बीच सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई की ओर बढ़ने के लिए विधि विशेषज्ञों से राय ले सकते हैं। कहा यह भी जा रहा है कि वह चुनाव आयोग से खनन लीज के मामले में राज्यपाल को दिए मंतव्य की प्रति के लिए आग्रह कर सकते हैं। बहरहाल, सीएम के दिल्ली दौरे को लेकर राज्य में सियासी पारा चढ़ गया है।
सीएम ने भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा है कि फरवरी से इस प्रकार की भूमिका बनाई जा रही है कि खनन लीज लेने के कारण उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया जाएगा। ऐसी खबरों से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस स्थिति का भाजपा दलबदल के अस्त्र के रूप में प्रयोग कर अनैतिक रूप से सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रही है। भाजपा कभी सफल नहीं होगी। क्योंकि, राज्य गठन के बाद पहली बार उनकी सरकार को लगभग दो तिहाई सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। पांच सितंबर को यूपीए सरकार ने विधानसभा में बहुमत भी साबित किया और उनके नेतृत्व में विधायकों ने अपनी पूरी निष्ठा और विश्वास व्यक्त किया है।
कब क्या हुआ
10
फरवरी-
रघुवर
दास
ने
हेमंत
सोरेन
के
खनन
लीज
लेने
का
मामला
उठाया।
11
फरवरी-
भाजपा
ने
राज्यपाल
से
सोरेन
को
अयोग्य
ठहराने
की
मांग
की।
02
मई-
भारत
निर्वाचन
आयोग
ने
मुख्यमंत्री
को
नोटिस
भेज
मांगा
जवाब
18
अगस्त-
चुनाव
आयोग
ने
सुनवाई
पूरी
कर
अपना
फैसला
सुरक्षित
रखा
25
अगस्त-
निर्वाचन
आयोग
ने
सुनवाई
के
बाद
राज्यपाल
को
भेजा
परामर्श
30
अगस्त-
यूपीए
के
31
विधायकों
को
विमान
से
रायपुर
भेजा
गया।
01
सितंबर-
कैबिनेट
में
विधानसभा
का
विशेष
सत्र
बुलाने
का
फैसला।
05
सितंबर-
सरकार
ने
विधानसभा
के
विशेष
सत्र
में
विश्वास
मत
जीता।