बाजरा छोड़ दलहन-तिलहन की बुआई करें और मनोहर लाल सरकार से 4 हजार रु प्रति एकड़ पाएं
चंडीगढ़, 25 जून। दक्षिण हरियाणा के 7 जिलों में बाजरा की खेती छोड़ दलहन-तिलहन की बुआई करने वाले किसानों को प्रदेश सरकार ₹4,000 प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता देगी। हरियाणा सरकार ने फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत दक्षिण हरियाणा के बाजरा बाहुल्य सात जिलों नामत: भिवानी, चरखी दादरी, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, हिसार तथा नूह में बाजरे के स्थान पर दलहन व तिलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है।
योजना के तहत कम से कम एक लाख एकड़ क्षेत्र में दलहन व तिलहन फसल को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है। दलहनी फसलों में मूँग, अरहर व उड़द तथा तिलहनी फसलों में अरण्ड, मूंगफली व तिल की फसलें शामिल हैं। इसके तहत किसानों को 4,000 रुपये प्रति एकड़ वित्तीय सहायता भी प्रदान की जायेगी इसके लिए https://fasal.haryana.gov.in पर रजिस्टर करना होगा।
इस योजना में बाजरे की जगह एक लाख एकड़ क्षेत्र में दलहन व तिलहन फसलों की बुवाई का लक्ष्य है। कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने बताया कि फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना शुरू की गई है। केंद्र सरकार ने दलहन व तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में पहले ही खासी बढ़ाेतरी कर दी है।
चिन्हित जिलों में मूंग, अरहर, उड़द, अरंड, मूंगफली व तिल की फसलें बोने वाले किसानों को चार हजार रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी। हालांकि किसानों को पहले 'मेरी फसल-मेरा ब्योरा' पोर्टल पर पंजीकरण कराना कराना होगा। सत्यापन के बाद सहायता राशि किसानों के खातों में हस्तांतरित कर दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि दलहन फसलें मृदा के स्वास्थ्य को अच्छा बनाती हैं। यह हवा की नाइट्रोजन को सोखकर जमीन में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाती हैं जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। इस तरह किसानों को खेत में नाइट्रोजन फर्टिलाइजर की कम मात्रा की जरूरत पड़ेगी। तिलहन फसलों को बढ़ावा देने से देश में खाद्य तेल की कमी को पूरा करने में सहयोग मिलेगा।
हरियाणा में आईएएस अधिकारियों की कमी को लेकर केंद्रीय मंत्री से मिले सीएम मनोहर लाल