सरकार विद्यार्थियों को देगी गीता ज्ञान, हरियाणा में 6वीं से 12वीं कक्षा के लिए तैयार होगा पाठ्यक्रम
चंडीगढ़। राज्य में सरकार स्कूली बच्चों को गीता का ज्ञान देगी। सरकार ने इस विषय में तैयारी पूरी कर ली है। जल्द ही मसौदा बनाकर शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा। सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच ने इस संदर्भ में कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंपेगी, उसके बाद आगामी सत्र से गीता का पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की तैयारी है। हरियाणा में लागू करने के बाद इसे पूरे देश में लागू करने के लिए केंद्र के पास भी भेजेगी।
हरियाणा का इतिहास महाभारत और गीता से जुड़ा है। कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने ज्योतिसर में गीता का ज्ञान दिया था। इसी के महत्व को देखते हुए हरियाणा सरकार की मंशा है कि स्कूली स्तर से ही बच्चों को गीता ज्ञान पढ़ाया जाए। छठी से 12वीं कक्षा तक के लिए तैयार किए जा रहे इस पाठ्यक्रम को हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी समेत अन्य भाषाओं में पढ़ाने की योजना है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ लंबे मंथन के बाद सरस्वती विकास बोर्ड ने पाठ्यक्रम तैयार कराने को लेकर काम शुरू कर दिया है।
सरस्वती
नदी
से
जुड़ा
है
गीता
ज्ञान
इतिहासकार
मानते
हैं
कि
महाभारत,
गीता
ज्ञान
का
सरस्वती
नदी
से
जुड़ाव
है।
मान्यता
है
कि
कुरुक्षेत्र
में
महाभारत
का
युद्ध
इसलिए
हुआ
था
कि
यहां
पर
सरस्वती
नदी
बहती
थी
और
इसके
आसपास
काफी
संख्या
में
पेड़
पौधे
थे,
ताकि
सैनिकों
को
खाने-पीने
और
ठहरने
की
दिक्कत
न
आए।
दूसरा,
भगवान
कृष्ण
ने
जहां
गीता
ज्ञान
दिया,
वो
स्थान
भी
सरस्वती
नदी
के
साथ
लगता
है।
इसलिए
तैयार
किए
जा
रहे
पाठ्यक्रम
में
सरस्वती
नदी
का
इतिहास
भी
पढ़ाया
जाएगा।
इनमें
नदी
के
लुप्त
होने
से
लेकर
दोबारा
से
पुनर्जीवित
करने
के
पूरे
घटनाक्रम
को
शामिल
किया
जाएगा।
हरियाणा बनेगा ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर, PSA का 90% काम चालू हो गया
कमेटी
में
कई
इतिहासकार
शामिल
पाठ्यक्रम
तैयार
करने
के
लिए
बनाई
गई
कमेटी
के
अध्यक्ष
कुरुक्षेत्र
विश्वविद्यालय
में
डॉ.
आंबेडकर
चेयर
के
अध्यक्ष
डॉ.
प्रीतम
होंगे,
जबकि
उपाध्यक्ष
की
जिम्मेदारी
विद्याभारती
के
संयोजक
डॉ.
रामिंद्र
को
दी
गई
है।
केयू
एक्सीलेंस
सेंटर
के
एआर
चौधरी,
एससीईआरटी
(स्टेट
काउंसिल
आफ
एजुकेशन
रिसर्च
एंड
ट्रेनिंग)
से
अभिमन्यु
दहिया,
एनसीईआरटी
(नेशनल
काउंसिल
आफ
एजुकेशन
रिसर्च
एंड
ट्रेनिंग)
से
डॉ.
तन्नू
मलिक,
प्रोफेसर
रमेश
धालीवाल,
करनाल
से
डॉ.
लवकेश,
डॉ.
प्रीतिमा,
डॉ.
केतकी
राणा,
पंजाब
यूनिवर्सिटी
से
इतिहासकार
प्रियतोष
शर्मा,
डॉ.
संदीप
शर्मा,
बोर्ड
से
रिसर्च
आफिसर
डॉ.
दीपा
शामिल
हैं।
यह
मुख्यमंत्री
का
ड्रीम
प्रोजेक्ट
है।
पाठ्यक्रम
तैयार
करने
के
लिए
एक
कमेटी
गठित
की
है,
जो
आगामी
कुछ
माह
में
रिपोर्ट
देगी।
गीता
ज्ञान
और
सरस्वती
नदी
दोनों
को
पाठ्यक्रम
में
शामिल
करने
की
योजना
है।
हमारा
प्रयास
होगा
कि
हरियाणा
के
साथ
साथ
यह
पूरे
देश
के
6
से
12वीं
तक
यह
विषय
अलग
अलग
भाषाओं
में
पढ़ाया
जाए।
-
धुम्मन
सिंह
किरमिच,
उपाध्यक्ष,
सरस्वती
धरोहर
विकास
बोर्ड।